क्या भारत-पाक सीजफायर में ट्रंप की कोई भूमिका थी? : संजय शिरसाट

सारांश
Key Takeaways
- डोनाल्ड ट्रंप की भारत-पाक सीजफायर में कोई भूमिका नहीं है।
- भारत ने पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों पर सफल ऑपरेशन किया।
- पीएम मोदी ने पाकिस्तान को कठोर चेतावनी दी है।
मुंबई, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री संजय पांडुरंग शिरसाट ने भारत-पाक सीजफायर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता के दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत-पाक सीजफायर में ट्रंप की कोई भूमिका नहीं थी।
दरअसल, ट्रंप ने फिर से यह दावा किया है कि उसने ही भारत-पाक के बीच मध्यस्थता कराई।
संजय शिरसाट ने गुरुवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि राजनीति में उठाए गए कदम सोच-समझकर किए गए हैं। 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान हमारे सैनिकों ने 20 मिनट में पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया। पाकिस्तान ने हमारी ताकत को समझा, इसलिए उसने सीजफायर के लिए भारत के सामने सरेंडर किया।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने स्पष्ट किया है कि यदि हमारे नागरिक को कोई नुकसान पहुंचाता है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। कई मंचों पर पाकिस्तान को चेतावनी दी गई है कि यदि कुछ गड़बड़ी हुई तो किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा। भारत की ऐसी तैयारी है कि पाकिस्तान को नक्शे से मिटा दिया जाएगा।
शिवसेना के स्थापना दिवस पर मंत्री संजय शिरसाट ने कहा कि आज हम शिवसेना का स्थापना दिवस मना रहे हैं। यूबीटी वाले भी इसे मना रहे हैं, लेकिन अब उनकी राजनीति बदल चुकी है। बाला साहेब हिन्दुत्व के समर्थक थे, जबकि यूबीटी को कांग्रेस और विपक्ष का समर्थन चाहिए। यूबीटी के लिए हिन्दुत्व अब कोई मुद्दा नहीं रह गया है। लेकिन, एकनाथ शिंदे बाला साहेब के आदर्शों पर चल रहे हैं और हिन्दुत्व को नहीं छोड़ सकते।
मराठी भाषा पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में मंत्री शिरसाट ने कहा कि मराठी भाषा हमारी प्राथमिकता है, उसके बाद अन्य भाषाएं आती हैं। अंग्रेजी और हिंदी दूसरे विकल्प हो सकते हैं। पहले मराठी ही महत्वपूर्ण है। यदि किसी को हिंदी पढ़नी है तो वह पढ़ सकते हैं। मुंबई में विभिन्न प्रांतों के लोग निवास करते हैं।
बता दें कि मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सरकार को चेतावनी दी थी कि हिंदी कोई राष्ट्र भाषा नहीं है, इसे थोपने की कोशिश न की जाए।