क्या राजस्थान के उदयपुर में केंद्र सरकार के 11 वर्षों की उपलब्धियों पर विशेष प्रदर्शनी आयोजित की गई?

सारांश
Key Takeaways
- केंद्र सरकार की 11 वर्षों की उपलब्धियां
- राष्ट्रीय सुरक्षा में सुधार
- गरीब कल्याण योजनाएँ जैसे चार करोड़ मकान बनाना
- भाजपा की जनसंपर्क रणनीतियाँ
- कांग्रेस पार्टी की आलोचना
उदयपुर, 15 जून (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और चित्तौड़गढ़ से सांसद सी.पी. जोशी ने रविवार को उदयपुर का दौरा किया। उनके इस दौरे का मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार की 11 वर्षों की उपलब्धियों को आम जनता तक पहुँचाना था। इस अवसर पर भाजपा कार्यालय में एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
इस प्रदर्शनी में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों को चित्रों और तथ्यों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। सी.पी. जोशी ने प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में हुए महत्वपूर्ण और साहसिक निर्णयों की सराहना की।
प्रदर्शनी स्थल पर बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और आम लोग उपस्थित रहे। आयोजन को लेकर जिला भाजपा संगठन ने व्यापक तैयारियां की थीं। इस मौके पर पार्टी के आगामी जनसंपर्क अभियानों की जानकारी भी साझा की गई। सी.पी. जोशी ने केंद्र सरकार की उपलब्धियों को उजागर करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा, विकास योजनाओं और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा को प्रमुख उपलब्धियां बताया।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, “चाहे सर्जिकल स्ट्राइक हो, एयर स्ट्राइक, या हाल ही में हुआ 'ऑपरेशन सिंदूर', इन सभी में केंद्र सरकार ने निर्णायक भूमिका निभाई है और देश की सुरक्षा और प्रतिष्ठा को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया है। 11 साल का यह ऐतिहासिक कार्यकाल विकसित भारत से लेकर अमृतकाल तक का है। इस देश में गरीब कल्याण से लेकर जनकल्याण के कामों को धरातल पर होते हुए देखा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि देश में गरीब कल्याण योजना के तहत चार करोड़ मकान बनाए गए हैं।
कांग्रेस पार्टी की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की सेना लाहौर तक पहुँच गई और हजारों सैनिकों को बंदी बना लिया गया। तब पाक अधिकृत कश्मीर को पाकिस्तान को क्यों सौंप दिया गया? उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता अशोक गहलोत के शासन काल में मुस्लिम तुष्टिकरण की पराकाष्ठा देखने को मिली। उस समय यहाँ पर रामनवमी, हनुमान जयंती मनाने पर प्रतिबंध लगाया गया था। उदयपुर में भगवा पताका पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।