क्या अजवाइन की जादुई पोटली नवजात शिशुओं को सर्दी से राहत दिला सकती है?
सारांश
Key Takeaways
- अजवाइन की पोटली सर्दी और जुकाम के लिए प्रभावी है।
- गुनगुनी पोटली का उपयोग करें, गर्म नहीं।
- बच्चे की त्वचा संवेदनशील होती है, इसलिए ध्यान रखें।
- अजवाइन की सुगंध श्वास को सहज बनाती है।
- रोजाना जैतून के तेल से मालिश करें।
नई दिल्ली, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सर्दी के मौसम में छोटे बच्चों की देखभाल करना बहुत चुनौतीपूर्ण हो सकता है। थोड़ी सी लापरवाही से बच्चे बीमार हो सकते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी और फेफड़ों का सही से विकास न होने के कारण बच्चे बदलते मौसम से प्रभावित होते हैं।
सर्दी के मौसम में सर्दी, खांसी-जुकाम और छाती में बलगम जैसी समस्याएँ आम हैं। साधारण सर्दी और खांसी-जुकाम में प्राकृतिक उपायों और माँ के स्नेहिल स्पर्श से बच्चे को राहत मिल सकती है।
आयुर्वेद में अजवाइन की पोटली का उपयोग विशेष रूप से उल्लेखित है। यह विधि दादी-नानी के समय से चली आ रही है और आज भी इसे अगली पीढ़ी को सिखाया जा रहा है। अजवाइन की पोटली बच्चे के शरीर को गर्म रखने में मदद करती है और ठंडे वातावरण से उसकी सुरक्षा करती है। आइए जानते हैं कि अजवाइन की पोटली कैसे बनाएं और इसके उपयोग में किन बातों का ध्यान रखें। इसके लिए एक मुलायम सूती कपड़ा लें जो बच्चे को न चुभे। 2 चम्मच अजवाइन को कपड़े में बांधकर पोटली बना लें और दूसरी ओर तवा धीमी आंच पर गर्म करने के लिए रखें। फिर पोटली को हल्का गर्म कर बच्चे के पास ले जाकर उसकी छाती पर सेंक करें।
ध्यान रखें कि पोटली गुनगुनी हो, गर्म नहीं। बच्चे की त्वचा बहुत संवेदनशील होती है। इसलिए पोटली की गर्माहट की जांच अवश्य करें।
अगर बच्चे की त्वचा संवेदनशील है, तो आप अजवाइन की सुगंध से उपचार करने का प्रयास कर सकते हैं। पोटली की हल्की गर्माहट और इसकी प्राकृतिक सुगंध बच्चे के नासामार्ग को साफ करने में मदद करती है, भारीपन को कम करती है और श्वास को सहज बनाती है। अजवाइन की पोटली उष्ण, कफ-शामक और पूरी तरह से सुरक्षित उपाय है।
जब बच्चा सो रहा हो, तब अजवाइन की पोटली को हल्का गर्म कर उसके सिरहाने पर रख सकते हैं। अजवाइन की सुगंध वातावरण को गर्म रखने में मदद करेगी। साथ ही, रोजाना जैतून के तेल से बच्चों की मालिश करने से भी आराम मिलेगा। जैतून का तेल गर्म होता है और इससे मालिश करने से बच्चे का पूरा शरीर गर्म रहेगा।