क्या रूस में योग का प्रभाव बढ़ रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- योग का अभ्यास शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करता है।
- रूस में योग की लोकप्रियता बढ़ रही है।
- हठ योग और प्राणायाम पर जोर दिया जा रहा है।
- योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है।
- योग के माध्यम से भारत और रूस के बीच सांस्कृतिक संबंध मजबूत हो रहे हैं।
नई दिल्ली, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत का प्राचीन उपहार 'योगासन' अब रूस में भी अपनी छापरूसी नागरिक हठ योग के साथ-साथ प्राणायाम और ध्यान को अपनी व्यस्त दिनचर्या में शामिल कर रहे हैं। पीठ दर्द, तनाव और अनिद्रा जैसी समस्याओं से निजात मिल रही है। योग अब उनके दैनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है।
स्वामी विवेकानंद ने 1893 में शिकागो में पहली बार विश्व को योग का महत्व बताया था। आज वही संदेश रूस में भी फैल रहा है कि योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि कर्म योग और ज्ञान योग का एक संपूर्ण पैकेज है। यह न केवल मन को शांति प्रदान करता है, बल्कि अनुशासन भी लाता है और किसी भी परिस्थिति में ढलने की क्षमता प्रदान करता है।
योग के माध्यम से रूसी लोग भारत की संस्कृति से भी जुड़ने का प्रयास कर रहे हैं। भारत और रूस के बीच स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखा जा रहा है।
कजान, ऊफा, क्रास्नोडार और तुला जैसे शहरों में भारतीय योग शिक्षकों की मास्टर क्लासेज में बड़ी संख्या में लोग शामिल हो रहे हैं। रूस के नागरिक अब समझते हैं कि योग केवल आसन नहीं, बल्कि जीवन जीने का एक संपूर्ण विज्ञान है जो तनाव, पीठ दर्द, अनिद्रा और हृदय संबंधी समस्याओं को जड़ से खत्म कर सकता है।
भारत से कई योग प्रशिक्षक रूस जाकर वहां के लोगों को प्रशिक्षित कर चुके हैं। उनका मानना है कि रूसी नागरिक आमतौर पर हठ योग का अभ्यास करते हैं और शारीरिक आसनों पर ज्यादा जोर देते हैं, जबकि भारतीय शिक्षक प्राणायाम, ध्यान और रिलैक्सेशन तकनीक पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
रूसी नागरिकों का कहना है कि योग शुरू करने के बाद उनकी जीवनशैली में नाटकीय परिवर्तन आया है। पहले सीढ़ियां चढ़ने में सांस फूलती थी, अब वे आसानी से चलते हैं। पुरानी खांसी, सूजन और सांस लेने में कोई तकलीफ नहीं रह गई है। कार्य क्षमता में वृद्धि हुई है और उनका मूड हमेशा अच्छा रहता है। कई लोगों का मानना है कि अब वे योग के बिना अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते।
रूस में लोग सूर्य नमस्कार समेत प्राणायाम और कई योगासन का प्रतिदिन अभ्यास कर रहे हैं।