क्या मध्य पूर्व में तनाव के कारण भारत में ईंधन की कमी होगी?

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क्या मध्य पूर्व में तनाव के कारण भारत में ईंधन की कमी होगी?

सारांश

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आश्वासन दिया है कि ईरान-इजरायल संघर्ष के बावजूद भारत में ईंधन की कमी नहीं होगी। उन्होंने बताया कि भारतीय तेल विपणन कंपनियों के पास पर्याप्त भंडार हैं और देश ने अपनी आपूर्ति के स्रोतों में विविधता लाई है। जानिए इस संदर्भ में और क्या कहा गया।

Key Takeaways

  • भारत में ईंधन की कमी नहीं होगी।
  • केंद्रीय मंत्री ने भंडार की स्थिति की पुष्टि की।
  • ईरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य को अवरुद्ध करने की चेतावनी दी है।
  • भारत अपनी तेल आपूर्ति में विविधता लाने में सफल रहा है।
  • तेल कीमतों में वृद्धि से मुद्रास्फीति प्रभावित हो सकती है।

नई दिल्ली, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इजरायल-ईरान संघर्ष के प्रभाव के चलते भारतीय उपभोक्ताओं को तेल की आपूर्ति में किसी भी प्रकार की रुकावट आने की आशंका को खारिज किया। उन्होंने कहा कि ईरान के परमाणु स्थलों पर अमेरिका द्वारा बमबारी के चलते मध्य पूर्व में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव को लेकर चिंताओं को दूर किया।

केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में बताया, "हम पिछले दो हफ्तों से मध्य पूर्व में बढ़ते भू-राजनीतिक हालात पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, हमने अपनी आपूर्ति में विविधता लाने के लिए कई कदम उठाए हैं, और अब हमारी आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा होर्मुज जलडमरूमध्य से नहीं आता है।"

उन्होंने स्पष्ट किया कि देश की तेल विपणन कंपनियों (जैसे इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम) के पास कई हफ्तों तक की आपूर्ति मौजूद है और उन्हें कई रास्तों से ऊर्जा मिलती रहती है।

हरदीप पुरी ने आश्वासन दिया, "हम अपने नागरिकों को ईंधन की आपूर्ति में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।"

ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य/फारस की खाड़ी के उत्तरी किनारे पर स्थित है, जहां से सऊदी अरब और यूएई जैसे प्रमुख निर्यातक देशों से प्रतिदिन 20 मिलियन बैरल तेल का प्रवाह होता है।

ईरान ने चेतावनी दी थी कि यदि अमेरिका, इजरायल के साथ संघर्ष में हस्तक्षेप करता है, तो वह इस मार्ग को अवरुद्ध कर देगा।

मध्य पूर्व में संभावित व्यापक संघर्ष का सऊदी अरब, इराक, कुवैत और यूएई से तेल आपूर्ति पर गंभीर असर पड़ने की संभावना है, जिससे तेल की कीमतों में तेज वृद्धि हो सकती है।

शिपिंग भी प्रभावित होने की संभावना है, क्योंकि यमन के हूती विद्रोहियों ने पहले ही चेतावनी दी है कि यदि अमेरिका ने ईरान पर हमला किया, तो वे अमेरिकी जहाजों पर अपने हमले फिर से शुरू करेंगे।

भारत अपने कच्चे तेल की ज़रूरत का लगभग 85 प्रतिशत आयात करता है, और तेल की कीमतों में वृद्धि से उसके तेल आयात बिल में इजाफा होता है, जो मुद्रास्फीति की दर को बढ़ाता है और आर्थिक विकास को प्रभावित करता है।

हालांकि, भारत ने रूस और अमेरिका से आयात बढ़ाकर और रणनीतिक भंडारण के माध्यम से अपनी तेल आपूर्ति को मजबूत किया है।

तेल और गैस क्षेत्र में बुनियादी ढांचे की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए हरदीप पुरी ने पहले कहा था कि देश में अब 23 आधुनिक परिचालन रिफाइनरियां हैं, जिनकी कुल क्षमता 257 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष है, जिससे पेट्रोलियम उत्पादों का उत्पादन किया जा सकता है।

केंद्रीय मंत्री ने रणनीतिक पेट्रोलियम भंडारों के लिए भंडारण सुविधाएं स्थापित करने में मंत्रालय की पहल पर भी प्रकाश डाला, जो आपातकाल के दौरान देश के लिए सहारा बन सकती हैं।

Point of View

ताकि कोई भी संकट हमारे नागरिकों की जरूरतों को प्रभावित न करे।
NationPress
23/06/2025

Frequently Asked Questions

क्या भारत में ईंधन की कमी होगी?
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि भारत में ईंधन की कमी नहीं होगी क्योंकि देश की तेल विपणन कंपनियों के पास पर्याप्त भंडार हैं।
भारत अपनी तेल की जरूरत का कितना प्रतिशत आयात करता है?
भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरत का लगभग 85 प्रतिशत आयात करता है।
ईरान ने क्या चेतावनी दी है?
ईरान ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका इजरायल के साथ संघर्ष में हस्तक्षेप करता है, तो वह होर्मुज जलडमरूमध्य को अवरुद्ध कर सकता है।
भारत ने अपनी तेल आपूर्ति में विविधता कैसे लाई है?
भारत ने रूस और अमेरिका से आयात बढ़ाकर और रणनीतिक भंडारण के माध्यम से अपनी तेल आपूर्ति में विविधता लाई है।
मध्य पूर्व में तनाव का भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
मध्य पूर्व में तनाव का भारत में ईंधन की कीमतों पर असर पड़ सकता है, लेकिन केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया है कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।