क्या धीरेंद्र शास्त्री ने बुंदेलखंड राज्य की मांग उठाई? क्षेत्र के विकास को मिलेगी गति

सारांश
Key Takeaways
- बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने की मांग
- गायों की स्थिति पर चिंता
- गौशालाओं की आवश्यकता
- राष्ट्र और भगवान राम का संबंध
- राष्ट्रगान गाने का सुझाव
छतरपुर, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कथावाचक और बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने बुंदेलखंड को एक अलग राज्य बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि बुंदेलखंड को एक स्वतंत्र राज्य का दर्जा मिलता है, तो इससे इस क्षेत्र में व्यापक विकास, प्रगति और गति आएगी।
मध्य प्रदेश के छतरपुर में संवाददाताओं से चर्चा करते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, "निर्णय लेने के लिए देश की अपनी सरकार और कानून हैं और सत्ता में बैठे बुद्धिमान लोग उसी के अनुसार निर्णय लेंगे।"
सड़कों पर गायों के घूमने के मामले पर उन्होंने कहा कि यह बुंदेलखंड, मध्य प्रदेश और हिंदुओं के लिए एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि जिसे हम मां कहते हैं, वह सड़कों पर है। गायें सड़कों पर हैं, जो अत्यंत कष्टदायी है।
उन्होंने कहा कि इस समस्या को लेकर बुंदेलखंड और मध्य प्रदेश में जल्द से जल्द कदम उठाए जाने चाहिए।
धीरेंद्र शास्त्री ने सुझाव दिया कि सरकारों को हर ब्लॉक या जिले में 5-5 गौशालाओं का निर्माण कराना चाहिए, जिसमें 5 से 10 हजार तक गौवंशों को रखा जा सके। यदि यह व्यवस्था की गई, तो सड़कों पर गायें नहीं दिखेंगी।
धीरेंद्र शास्त्री ने छतरपुर में श्री अन्नपूर्णा रामलीला समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने आगामी 7 नवंबर से 16 नवंबर तक होने वाली रामलीला पदयात्रा के बारे में अपनी बातें साझा कीं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र और भगवान राम एक-दूसरे के पूरक हैं।
उन्होंने कहा, "राम से ही राष्ट्र है और राष्ट्र से ही प्रभु श्री राम हैं। राम ही राष्ट्र हैं और राष्ट्र ही प्रभु श्री राम हैं।" उन्होंने सभी भारतीयों से राष्ट्रभक्ति के प्रति समर्पण दिखाने का आग्रह किया। इसके साथ ही, धीरेंद्र शास्त्री ने सुझाव दिया कि देश के मंदिरों, मस्जिदों, गिरजाघरों और अन्य धार्मिक स्थलों में हफ्ते में कम से कम एक बार राष्ट्रगान गाया जाना चाहिए, ताकि लोगों में देशभक्ति की भावना जागृत रहे और राष्ट्र के प्रति कर्तव्यबोध बना रहे।
उन्होंने छतरपुर की सनातन संस्कृति की सराहना करते हुए कहा कि यहां कट्टर सनातनी रहते हैं और सनातन धर्म के कार्य निरंतर किए जाते हैं। उन्होंने श्री अन्नपूर्णा रामलीला समिति को 75वें अमृत महोत्सव के आयोजन के लिए धन्यवाद दिया।