क्या झारखंड शराब घोटाले में छत्तीसगढ़ के कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया को गिरफ्तार किया गया?

सारांश
Key Takeaways
- सिद्धार्थ सिंघानिया की गिरफ्तारी ने शराब घोटाले की जांच को तेज किया है।
- घोटाले में अब तक 38 करोड़ रुपए का खुलासा हुआ है।
- जांच में 16 लोगों को नामजद किया गया है।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूकता जरूरी है।
- अगले चरण में गुजरात और महाराष्ट्र से भी आरोपी पकड़े जाएंगे।
रांची, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के शराब घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने छत्तीसगढ़ के कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया को गिरफ्तार किया है। जानकारी के अनुसार, झारखंड एसीबी की टीम ने उन्हें रायपुर के निकट किसी स्थान पर दबिश डालकर गिरफ्तार किया। उन्हें वहां की अदालत में पेशी के बाद ट्रांजिट रिमांड पर रांची लाने की तैयारी की जा रही है।
सिद्धार्थ सिंघानिया के खिलाफ 12 जून को एसीबी ने विशेष कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट प्राप्त किया था। पूर्व में एजेंसी ने उन्हें पूछताछ के लिए हाजिर होने का समन भेजा था, लेकिन वे तय तारीख पर न तो उपस्थित हुए और न ही कोई जवाब दिया। छत्तीसगढ़ एंटी करप्शन ब्यूरो ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच के दौरान सिद्धार्थ सिंघानिया के घर पर छापा मारा था, जहां से एक डायरी बरामद हुई थी।
इस डायरी में झारखंड में सिंडिकेट द्वारा रची गई एक बड़ी साजिश का खुलासा हुआ था। डायरी में झारखंड में शराब व्यापार के दौरान बाधा डालने वालों को चिह्नित करने और उन्हें 'मैनेज' करने की रणनीति का भी उल्लेख था।
झारखंड में एसीबी की अब तक की जांच में 38 करोड़ रुपए का शराब घोटाला सामने आया है, जिसमें राज्य के वरिष्ठ आईएएस विनय कुमार चौबे, रिटायर्ड आईएएस अमित प्रकाश, झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी गजेंद्र सिंह सहित कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एसीबी ने घोटाले में कुल 16 लोगों को अब तक नामजद किया है।
जांच एजेंसी ने इसी मामले में मंगलवार को कोर्ट से गुजरात और महाराष्ट्र के सात लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट प्राप्त किया है। इनमें गुजरात की विजन हॉस्पिटैलिटी सर्विस एंड कंसल्टेंट से जुड़े विपिन जादवभाई परमार, महेश शेडगे, परेश अभेसिंह ठाकोर एवं विक्रम सिंह ठाकोर, महाराष्ट्र की मार्शन इनोवेटिव सिक्योरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े जगन तुकाराम देसाई, कमल जगन देसाई और शीतल जगन देसाई शामिल हैं।
रांची के ऑटोमोबाइल कारोबारी विनय कुमार सिंह के खिलाफ पहले से वारंट जारी हो चुका है। एजेंसी ने इन सभी को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा था, लेकिन इनमें से कोई भी हाजिर नहीं हुआ।