क्या झारखंड शराब घोटाले की जांच में गड़बड़ी का आरोप सही है? बाबूलाल ने सीबीआई जांच के लिए लिखा पत्र

सारांश
Key Takeaways
- झारखंड शराब घोटाला विवाद में नेता प्रतिपक्ष का आरोप
- एसीबी की जांच पर सवाल उठाए गए हैं
- सीबीआई जांच की मांग की गई है
- जमानत पर छूटने वाले आरोपी
- बड़े माफिया का शामिल होना
रांची, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य में हुए बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच पर कई गंभीर सवाल उठाए हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखे गए पत्र में आरोप लगाया है कि राज्य की एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) ने जान-बूझकर जांच में ढिलाई बरती है, जिसके चलते आरोपी एक-एक कर जमानत पर छूट रहे हैं। उन्होंने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।
मरांडी ने पत्र में लिखा है कि उन्हें पहले से ही आशंका थी कि शराब घोटाले की जांच केवल 'जनता की आंखों में धूल झोंकने और बड़े षड्यंत्रकारियों को बचाने' के लिए की जा रही है। उन्होंने बताया कि एसीबी ने शुरुआत में एक वरीय अधिकारी को जल्दी गिरफ्तार कर तत्परता दिखाई, लेकिन अब तीन महीने बीतने के बाद भी चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है। इस कारण जेल में बंद आरोपी एक-एक कर जमानत पा रहे हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एसीबी ने गिरफ्तार अधिकारियों और पदाधिकारियों से पूछताछ के दौरान पूरी रिकॉर्डिंग नहीं की, जिससे जांच अधिकारियों को अपनी सुविधा के अनुसार बयान दर्ज करने का मौका मिला।
मरांडी ने मुख्यमंत्री से पूछा है कि क्या यह सब आपकी सहमति से हुआ या अधिकारियों ने अपने स्तर पर डील की? उन्होंने लिखा, 'इतना बड़ा गोरखधंधा और डील बिना आपकी इजाजत के कोई अधिकारी नहीं कर सकता। यदि यह आपकी जानकारी और सहमति से हुआ है तो भगवान ही मालिक है, और यदि नहीं, तो दोषी अफसरों पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।'
उन्होंने पत्र में यह भी दावा किया कि पूरा मामला छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट और झारखंड से लेकर दिल्ली तक फैले बड़े माफिया को बचाने के लिए रचा गया षड्यंत्र है।
उनके मुताबिक, कुछ अधिकारियों ने बड़ी डील कर समय पर चार्जशीट दाखिल नहीं होने दी, ताकि आरोपियों को जमानत मिल सके। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि वे इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की सिफारिश करें, ताकि 'दिखावे की जांच' बंद हो और असली दोषियों के साथ-साथ डील कर जमानत दिलाने वाले षड्यंत्रकारियों को भी बेनकाब किया जा सके।