क्या 1976 में राष्ट्रपति को पंगु बना दिया गया था? संविधान संशोधन बिल पर निशिकांत दुबे ने कांग्रेस को याद दिलाया इतिहास

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क्या 1976 में राष्ट्रपति को पंगु बना दिया गया था? संविधान संशोधन बिल पर निशिकांत दुबे ने कांग्रेस को याद दिलाया इतिहास

सारांश

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस को याद दिलाया कि 1976 में इंदिरा गांधी द्वारा किए गए संविधान संशोधन ने राष्ट्रपति को पंगु बना दिया था। इस दौरान उन्होंने आपराधिक आरोपों में फंसे नेताओं के इस्तीफे का मुद्दा भी उठाया। क्या यह इतिहास दोहराया जा रहा है?

Key Takeaways

  • 1976 में इंदिरा गांधी द्वारा संविधान में संशोधन हुआ था।
  • इस संशोधन ने राष्ट्रपति को पंगु बना दिया।
  • निशिकांत दुबे ने विपक्ष की आलोचना की।
  • आपराधिक आरोपों में फंसे नेताओं के इस्तीफे का महत्व।
  • राजनीति में इतिहास का महत्व।

नई दिल्ली, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। गंभीर आपराधिक आरोपों में फंसे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को हटाने वाले विधेयक पर हंगामे के बीच भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने विपक्ष को इतिहास याद दिलाया है। उन्होंने कहा कि यदि प्रधानमंत्री समानता के अधिकार के अंतर्गत अपराध करते हैं, तो उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। इस विधेयक में प्रधानमंत्री को भी इसी दायरे में रखा गया है, लेकिन इंदिरा गांधी ने संविधान में संशोधन किया था कि किसी भी प्रकार के अपराध के लिए प्रधानमंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने मीडिया से बातचीत में कहा, "संविधान में 39वां संशोधन 1975 में हुआ, जब आपातकाल लागू कर दिया गया था और पूरे विपक्ष को बाहर कर दिया गया था। उस समय संशोधन लाया गया था कि किसी भी तरह के अपराध के लिए प्रधानमंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। इंदिरा गांधी ने संविधान में यह संशोधन किया था। 1976 में संविधान में 150 संशोधन हुए थे। उसमें राष्ट्रपति को पंगु बना दिया गया। राष्ट्रपति वही कार्य करेगा, जो प्रधानमंत्री कहेंगे। इंदिरा गांधी ने संविधान की पूरी किताब को ही बदलकर रख दिया था।

उन्होंने मांग की कि यह सब चर्चा के विषय हैं और इस इतिहास को पाठ्यक्रमों में शामिल करके पढ़ाया जाना चाहिए।

लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री के सामने संविधान संशोधन विधेयक की कॉपियां फाड़कर उछालने पर निशिकांत दुबे ने विपक्ष की निंदा की। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ अराजकता और हंगामा है। इससे पहले, 2024 के चुनावों पर विचार करें, जब कोई 'संविधान बचाओ' की किताब लेकर घूम रहा था। मेरा मानना है कि राहुल गांधी, कांग्रेस और पूरा विपक्ष राजनीतिक रूप से सिर्फ ट्यूशन और ट्वीट पर केंद्रित है।

मीडिया से बातचीत में निशिकांत दुबे ने सवाल उठाया, "अगर कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद या मंत्री जेल में बंद हो जाए, तो क्या उन्हें इस्तीफा नहीं देना चाहिए?"

आरोपों के बाद इस्तीफा देने वाले भाजपा नेताओं की लंबी फेहरिस्त गिनाते हुए निशिकांत दुबे ने कहा, "अमित शाह गुजरात के गृह मंत्री थे, क्या वे जेल नहीं गए? क्या उन्होंने जेल जाने से पहले इस्तीफा नहीं दिया? उन्होंने अदालत से बरी होने तक कोई संवैधानिक पद नहीं संभाला। कर्नाटक में उमा भारती के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। उन्होंने मुख्यमंत्री की कुर्सी से इस्तीफा दिया और फिर कर्नाटक कोर्ट गईं। वे जेल नहीं गईं, लेकिन क्योंकि उन्हें समन भेजा गया इसलिए बीजेपी ने उनसे इस्तीफा लिया।"

इस दौरान, निशिकांत दुबे ने लालकृष्ण आडवाणी का उदाहरण दिया, जिन्होंने हवाला मामले में आरोप लगने के बाद सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था और बरी होने तक कोई चुनाव नहीं लड़ा। उन्होंने एक और नाम गिनाते हुए कहा कि मदान लाल खुराना दिल्ली के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने भी आरोप लगने के बाद इस्तीफा दिया था। इस बीच, निशिकांत दुबे ने यशवंत सिन्हा का भी उदाहरण दिया, जो भाजपा से विपक्ष में जा चुके हैं।

भाजपा सांसद ने आगे कहा, "आज की स्थिति में अरविंद केजरीवाल जैसे लोग जेल से ही मुख्यमंत्री बने हुए हैं। अगर यह संविधान में नहीं लिखा है, तो इसमें नया संशोधन करने से क्या परेशानी है?"

Point of View

इस घटना का मतलब यह है कि भारतीय राजनीति में इतिहास का अध्ययन महत्वपूर्ण है। यह न केवल वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य को समझने में मदद करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे अतीत की गलतियाँ आज भी हमें प्रभावित कर सकती हैं।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

1976 में राष्ट्रपति को पंगु बनाने का क्या अर्थ है?
यह संविधान संशोधन राष्ट्रपति की शक्तियों को सीमित करता है, जिससे वे केवल प्रधानमंत्री के कहने पर कार्य कर सकें।
क्या इंदिरा गांधी ने संविधान में बदलाव किया था?
हाँ, इंदिरा गांधी ने 1976 में संविधान में संशोधन किया था, जिससे प्रधानमंत्री के खिलाफ किसी भी कार्रवाई पर रोक लगाई गई।
निशिकांत दुबे ने विपक्ष पर क्या आरोप लगाए?
उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष केवल अराजकता फैला रहा है और राजनीतिक मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रहा है।
क्या नेताओं को आपराधिक आरोपों पर इस्तीफा देना चाहिए?
यह मुद्दा वर्तमान में चर्चा का विषय है, और कई नेता इस पर अलग-अलग राय रखते हैं।
क्या इस मुद्दे का चुनावों पर असर पड़ेगा?
हां, यह मुद्दा आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, क्योंकि यह मतदाताओं की सोच को प्रभावित कर सकता है।