'ऊर्जा वार्ता 2025' क्या एनर्जी सेक्टर को बढ़ावा देगा और ग्रीन हाइड्रोजन पर ध्यान केंद्रित करेगा?

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'ऊर्जा वार्ता 2025' क्या एनर्जी सेक्टर को बढ़ावा देगा और ग्रीन हाइड्रोजन पर ध्यान केंद्रित करेगा?

सारांश

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि 'ऊर्जा वार्ता 2025' भारत के ईएंडपी क्षेत्र को नई दिशा देने का काम करेगी, जिसमें हरित हाइड्रोजन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। यह आयोजन ऊर्जा आत्मनिर्भरता और नीतिगत सुधारों पर चर्चा करने का एक महत्वपूर्ण मंच होगा।

Key Takeaways

  • ऊर्जा आत्मनिर्भरता पर जोर
  • हरित हाइड्रोजन का विकास
  • नीतिगत सुधारों की चर्चा
  • ऊर्जा सुरक्षा की रणनीतियाँ
  • उद्योग जगत के विशेषज्ञों का योगदान

नई दिल्ली, 16 जुलाई (राष्ट्र प्रेस) । केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को बताया कि 'ऊर्जा वार्ता 2025' भारत के एक्सप्लोरेशन एंड प्रोडक्शन (ईएंडपी) सेक्टर को नई दिशा प्रदान करेगा।

उन्होंने बताया कि 17 जुलाई को आयोजित होने वाले इस ऊर्जा संवाद के दूसरे संस्करण का ध्यान न केवल भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता और परिवर्तन लक्ष्यों पर होगा, बल्कि यह भविष्य के ईंधन - हरित हाइड्रोजन सहित स्वच्छ और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में उभरते भारत की एक स्पष्ट छवि भी प्रस्तुत करेगा।

केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए इस आयोजन के प्रति उत्साह व्यक्त किया और कहा कि यह नवाचार, नीतिगत सुधारों और ऊर्जा सुरक्षा पर विचारों एवं रणनीतियों के आदान-प्रदान के लिए एक मंच तैयार करेगा।

उन्होंने उल्लेख किया, "ऊर्जा वार्ता हमारे ईएंडपी क्षेत्र को गति प्रदान करेगी। इसमें न केवल भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता, ऊर्जा परिवर्तन, स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा, और भविष्य के ईंधन हरित हाइड्रोजन पर चर्चा होगी, बल्कि इन क्षेत्रों में एक नए और उभरते भारत के दृष्टिकोण को भी प्रदर्शित किया जाएगा।"

पुरी ने यह भी बताया कि यह कार्यक्रम विभिन्न राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों, शीर्ष सरकारी अधिकारियों और ऑयल एंड गैस क्षेत्र के उद्योग जगत के प्रमुखों को एक मंच पर लाने का कार्य करेगा।

उन्होंने कहा, "चर्चा के प्रमुख मुद्दों में ईएंडपी एक्टिविटी के लिए नीतिगत समर्थन, ऊर्जा परिवर्तन के रास्ते, हरित हाइड्रोजन विकास और भारत की दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने की रणनीतियां शामिल होंगी।"

ऊर्जा वार्ता 2025 का उद्देश्य भारत के ऊर्जा परिदृश्य के भविष्य को आकार देना और ऊर्जा क्षेत्र में सस्टेनेबिलिटी तथा नवाचार के प्रति देश की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करना है।

ऊर्जा क्षेत्र में परिवर्तन पर टिप्पणी करते हुए मरीन सॉल्यूशन्ज़ के सह-संस्थापक और निदेशक, कैप्टन सुमित कुमार ने कहा कि भारत अपने ऊर्जा क्षेत्र में एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है।

कुमार ने कहा, "यह अपनी पारंपरिक तेल और गैस जरूरतों को रिन्यूएबल एनर्जी, एलएनजी ग्रोथ और रणनीतिक साझेदारियों की बड़ी योजनाओं के साथ संतुलित कर रहा है।"

उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ऊर्जा सुरक्षा, घरेलू उत्पादन, इंफ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण और 'मेक इन इंडिया' पर ध्यान केंद्रित करने से अपार संभावनाएं उत्पन्न हुई हैं।

Point of View

मेरा मानना है कि 'ऊर्जा वार्ता 2025' भारत के ऊर्जा सेक्टर के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देगा, बल्कि स्वच्छ और हरित ऊर्जा की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल है। इस प्रकार की चर्चाएँ हमें एक मजबूत और आत्मनिर्भर ऊर्जा क्षेत्र की ओर अग्रसर करेंगी।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

ऊर्जा वार्ता 2025 का उद्देश्य क्या है?
ऊर्जा वार्ता 2025 का उद्देश्य भारत के ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार और सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देना है।
इस वार्ता में कौन-कौन शामिल होंगे?
इस वार्ता में विभिन्न राज्यों के ऊर्जा मंत्री, सरकारी अधिकारी और उद्योग के प्रमुख शामिल होंगे।
हरित हाइड्रोजन का इस वार्ता में क्या महत्व है?
हरित हाइड्रोजन का महत्व स्वच्छ ऊर्जा के स्रोत के रूप में और भविष्य के ईंधनों की दिशा में है।