क्या पीएम के लिए मर्यादित भाषा का प्रयोग करना चाहिए, तेजस्वी? सीएम नीतीश को सीखने की जरूरत नहीं: अशोक चौधरी

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क्या पीएम के लिए मर्यादित भाषा का प्रयोग करना चाहिए, तेजस्वी? सीएम नीतीश को सीखने की जरूरत नहीं: अशोक चौधरी

सारांश

बिहार के मंत्री अशोक चौधरी ने तेजस्वी यादव के पीएम मोदी को 'पॉकेटमार' कहने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान अशोभनीय हैं और लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन करते हैं। क्या नेताओं को मर्यादित भाषा का प्रयोग करना चाहिए? जानिए इस पर अशोक चौधरी की राय।

Key Takeaways

  • नेताओं को मर्यादित भाषा का प्रयोग करना चाहिए।
  • अशोक चौधरी ने तेजस्वी यादव की भाषा पर कड़ी प्रतिक्रिया दी।
  • नीतीश कुमार ने बिहार के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

पटना, 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के उस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'पॉकेटमार' कहा। अशोक चौधरी ने कहा कि यह बयान न केवल अशोभनीय है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों की मर्यादा का भी उल्लंघन है।

अशोक चौधरी ने रविवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि आज के समय में भारत में एक मैट्रिक पास व्यक्ति ही चपरासी बन सकता है, लेकिन जो व्यक्ति इस देश के लिए नीतियां बनाना चाहता है, उसके लिए कोई शैक्षणिक योग्यता निर्धारित नहीं है। जब हमारे पूर्वजों ने संविधान बनाया था, तब अनुभव को बहुत बड़ी चीज माना गया। लेकिन अब राजनीति में ऐसे लोग आ रहे हैं, जिन्हें न तो भाषा की मर्यादा का ज्ञान है और न ही पद की गरिमा का।

उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री के लिए बात करते हुए भाषा की गरिमा का ध्यान रखना आवश्यक है। हिंदी में इतने शब्द हैं कि विरोधियों पर तीखा प्रहार भी किया जा सकता है, लेकिन मर्यादा के साथ। एक बड़े नेता के रूप में जब देश के युवा आपको देख रहे हैं, तो इस तरह की अभद्र भाषा का प्रयोग करना बेहद निंदनीय है। पीएम मोदी को जनता ने चुना है, आपने उन पर कोई कृपा नहीं की है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने के फैसले पर तेजस्वी यादव ने कहा कि सरकार उनकी नीतियों पर चल रही है। इस पर अशोक चौधरी ने स्पष्ट कहा कि नीतीश कुमार को तेजस्वी यादव से कुछ सीखने की आवश्यकता नहीं है। नीतीश को किसी के दिखाए रास्ते पर चलने की जरूरत नहीं है। जितनी उनकी उम्र है, उससे ज़्यादा समय से नीतीश राजनीति कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार न केवल एक अनुभवी नेता हैं, बल्कि इंजीनियर भी हैं। उन्होंने बिहार की परंपरा और विरासत को सशक्त किया है। जब नीतीश कुमार सत्ता में आए, तब बिहार की प्रति व्यक्ति आय 7 हजार रुपए थी, आज यह बढ़कर 66 हजार रुपए हो गई है। यह आंकड़े प्लानिंग कमीशन और इंडियन इकोनॉमिक सर्वे के हैं। 40 फीसदी लोग गरीबी रेखा से नीचे थे, आज यह संख्या घटकर 16 फीसदी हो गई है। पहले 1 फीसदी लोगों के घरों में नल का जल मिलता था, आज 95 फीसदी घरों में पानी आ रहा है। स्वच्छता मिशन के तहत पहले 2 फीसदी घरों में शौचालय थे, आज 95 फीसदी घरों में हैं। उन्होंने व्यंग्यपूर्ण लहजे में कहा कि यह कितना हास्यपद है कि तेजस्वी यादव से नीतीश कुमार को सीखना पड़े।

Point of View

यह स्पष्ट है कि नेताओं को अपने भाषण में संयम बरतना चाहिए। अशोक चौधरी का यह कहना कि भाषा की गरिमा को बनाए रखना आवश्यक है, एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। राजनीति में व्यक्तिगत हमलों की बजाय विचारों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
NationPress
22/06/2025

Frequently Asked Questions

तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी को 'पॉकेटमार' क्यों कहा?
तेजस्वी यादव का यह बयान राजनीतिक सन्दर्भ में था, जिसमें उन्होंने पीएम मोदी की नीतियों की आलोचना की।
अशोक चौधरी का इस पर क्या कहना है?
अशोक चौधरी ने इसे अशोभनीय कहा और कहा कि नेताओं को भाषा की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए।
नीतीश कुमार को तेजस्वी यादव से सीखने की जरूरत क्यों नहीं है?
अशोक चौधरी के अनुसार, नीतीश कुमार एक अनुभवी नेता हैं और उन्होंने कई महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की है।