क्या बांग्लादेश में रंगपुर में मॉब लिंचिंग की घटना ने दो हिंदुओं की हत्या कर दी?

सारांश
Key Takeaways
- बांग्लादेश में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ रही हैं।
- पुलिस की लापरवाही इस प्रकार की घटनाओं को बढ़ावा देती है।
- सामाजिक सहिष्णुता को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
ढाका, 14 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश में मॉब लिंचिंग का एक गंभीर मामला प्रकाश में आया है। रंगपुर जिले के तारागंज उपजिला क्षेत्र में चोरी के संदेह में दो व्यक्तियों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है।
यह घटना रंगपुर के बुरिरहाट हाई स्कूल परिसर में घटित हुई। मृतकों की पहचान घनीरामपुर क्षेत्र के रूपलाल दास (40) और मीठापुकुर उपजिला के प्रदीप दास (35) के रूप में हुई है। दोनों एक परिवार से हैं।
'ढाका ट्रिब्यून' के अनुसार, पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। डर के मारे पुलिस वहां से भाग गई। जब तक पुलिस और सेना की गाड़ियाँ मौके पर आईं, तब तक रूपलाल की मृत्यु हो चुकी थी और अधिकांश हमलावर भाग चुके थे।
बांग्लादेश के प्रमुख अखबार 'प्रोथोम अलो' ने चश्मदीदों के हवाले से बताया कि इस हमले में 15 से 20 युवक शामिल थे।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में रूपलाल और प्रदीप को भीड़ से घिरा हुआ देखा गया। जब पुलिस ने लोगों को तितर-बितर करने की कोशिश की, तो भीड़ आक्रामक हो गई। तनाव बढ़ने पर पुलिस ने दोनों घायलों को वहीं छोड़ दिया, जो बुरी तरह घायल थे।
पुलिस के घटनास्थल से भाग जाने के बाद, भीड़ ने रूपलाल और प्रदीप पर बेरहमी से हमला शुरू कर दिया। चार-पांच युवकों ने रूपलाल की पीठ पर बार-बार लात मारी। इस बीच भीड़ हमलावरों को उकसा रही थी।
पुलिस के अनुसार, घायलों को तारागंज उपजिला हेल्थ कॉम्प्लेक्स ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने रूपलाल को मृत घोषित कर दिया।
इसके बाद प्रदीप को रंगपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया, जहां रविवार तड़के उनकी भी मृत्यु हो गई।
इस घटना के बाद रूपलाल की पत्नी भारती रानी ने तारागंज पुलिस स्टेशन में हत्या का मामला दर्ज कराया। उन्होंने 500 से 700 लोगों पर इस घटना में शामिल होने का आरोप लगाया है।
पुलिस ने अब तक इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें बालापुर से इबादत हुसैन, बुरिरहाट से अख्तरुल इस्लाम और रफीकुल इस्लाम, तथा रहीमापुर से मिजानुर रहमान शामिल हैं।