क्या दिल्ली पुलिस ने मानव तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया? 6 बच्चों को किया बरामद

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क्या दिल्ली पुलिस ने मानव तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया? 6 बच्चों को किया बरामद

सारांश

दिल्ली पुलिस ने हाल ही में एक मानव तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 6 बच्चों को बरामद किया है। यह गिरोह नवजात शिशुओं को चोरी कर उन्हें बेचने का कार्य करता था। इस ऑपरेशन में पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जानें इस मामले के दिलचस्प विवरण।

Key Takeaways

  • 6 बच्चों को मानव तस्करी से सुरक्षित किया गया।
  • दिल्ली पुलिस ने वीरभान और कालीचरण को गिरफ्तार किया।
  • गिरोह नवजात शिशुओं को चुराकर बेचने में संलग्न था।
  • मुख्य आरोपी सुंदर को भी गिरफ्तार किया गया।
  • यह मामला समाज में मानव तस्करी के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को दर्शाता है।

नई दिल्ली, 8 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस ने मानव तस्करी के एक खतरनाक गिरोह के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की है। इस ऑपरेशन में पुलिस ने कुल 6 बच्चों को सुरक्षित रूप से बरामद किया है। दिल्ली पुलिस के अनुसार, यह गिरोह दो से तीन महीने के नवजात शिशुओं को चोरी कर उन्हें बेचने में संलग्न था।

पुलिस उपायुक्त (दक्षिण पूर्वी) डॉ. हेमंत तिवारी ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि यह मामला 22 अगस्त को शुरू हुआ, जब दिल्ली के एक बस स्टैंड से एक 6 माह के बच्चे के गायब होने की जानकारी मिली।

अधिकारी ने कहा कि शिकायत मिलने के बाद बस स्टैंड के सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई, जिसमें दो संदिग्ध बच्चे को ले जाते हुए दिखाई दिए। लेकिन, बस स्टैंड से बाहर निकलने के बाद उनकी कोई फुटेज नहीं मिली। इसके बाद, पुलिस ने डंप डेटा का विश्लेषण किया और संदिग्धों को चिन्हित कर उत्तर प्रदेश के फतेहाबाद के पिनहट गांव में छापेमारी की। वहां से मुख्य आरोपी वीरभान और उसके ससुर कालीचरण को गिरफ्तार किया गया। तलाशी के दौरान एक संदिग्ध फोन भी बरामद किया गया।

पूछताछ के दौरान पता चला कि वीरभान और कालीचरण ने अपने रिश्तेदार रामबरन के कहने पर बच्चे को चुराया था और उसे आगरा के केके नर्सिंग होम में सौंप दिया। पुलिस ने चतुराई से नर्सिंग होम के डॉक्टर कमलेश को भी गिरफ्तार किया। इसके साथ ही, पुलिस ने सुंदर नामक एक अन्य प्रमुख आरोपी को पकड़ा, जो इस रैकेट का मास्टरमाइंड था। सुंदर मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के रूप में काम करता था और गर्भवती महिलाओं को निशाना बनाता था, उनके बच्चों को अवैध तरीके से बेच देता था।

पुलिस उपायुक्त के अनुसार, सुंदर की निशानदेही पर प्रीति और कृष्णा नाम की दो बहनों को पकड़ा गया, जो अपने घर में ऐसी महिलाओं की डिलीवरी करवाती थीं। इनके पास से 48 घंटे में गायब हुआ बच्चा भी बरामद किया गया।

पूछताछ में यह भी जानकारी मिली कि इस गिरोह ने नैनीताल के एक दंपति को 11 महीने की एक बच्ची बेची थी, जिसे पुलिस ने रिकवर कर लिया। इसके अलावा, आगरा से दो और दो महीने के बच्चों को भी सुरक्षित किया गया है।

पुलिस उपायुक्त (दक्षिण पूर्वी) डॉ. हेमंत तिवारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने इस कार्रवाई के दौरान कुल 6 बच्चों को बरामद किया है।

Point of View

लेकिन यह मामला हमें यह भी याद दिलाता है कि जागरूकता और शिक्षा ही इस समस्या का समाधान है।
NationPress
08/09/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली पुलिस ने कितने बच्चों को बरामद किया?
दिल्ली पुलिस ने कुल 6 बच्चों को बरामद किया है।
यह मानव तस्करी गिरोह किस प्रकार काम करता था?
यह गिरोह नवजात शिशुओं को चोरी करके उन्हें बेचने का काम करता था।
मुख्य आरोपी कौन थे?
मुख्य आरोपी वीरभान और उसके ससुर कालीचरण थे।
क्या इस गिरोह ने अन्य बच्चों को भी बेचा था?
हाँ, इस गिरोह ने नैनीताल के एक दंपति को 11 महीने की बच्ची बेची थी।
दिल्ली पुलिस ने कैसे इस गिरोह का भंडाफोड़ किया?
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच और डंप डेटा का विश्लेषण कर आरोपियों को गिरफ्तार किया।