क्या हमें हिंदी के मुद्दे पर सख्ती मंजूर है? राज ठाकरे के प्रदर्शन के बाद शिवसेना-यूबीटी का सरकार के फैसले का विरोध

सारांश
Key Takeaways
- हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य करने का निर्णय विवादित है।
- राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच विचारों में मतभेद हैं।
- शिवसेना ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया है।
- भाषाई सख्ती पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
- गठबंधन की संभावना पर भी चर्चा हो रही है।
मुंबई, 19 जून (राष्ट्र प्रेस) । महाराष्ट्र में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य करने के निर्णय के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। राज ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं ने सरकार के इस कदम के खिलाफ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया है। अब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने भी इसका विरोध शुरू कर दिया है। शिवसेना-यूबीटी के नेता अरविंद सावंत ने स्पष्ट किया कि हमें किसी भी प्रकार से हिंदी को लेकर सख्ती स्वीकार नहीं है।
हिंदी भाषा के विवाद के संदर्भ में अरविंद सावंत ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा, "मैं मानता हूं कि राज ठाकरे ने हिंदी के मुद्दे पर प्रदर्शन किया है। उद्धव ठाकरे ने भी हिंदी के प्रति अपनी स्थिति स्पष्ट की है। हमें हिंदी को लेकर किसी भी प्रकार की सख्ती नहीं चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं मराठी माध्यम से पढ़ा हूं, लेकिन हिंदी में बात कर रहा हूं। किसी भाषा के प्रति द्वेष नहीं है, परंतु सख्ती पर आपत्ति है। बच्चों को हिंदी पढ़ाई जाए, लेकिन यह पांचवीं कक्षा के बाद अनिवार्य किया जाना चाहिए।" अरविंद सावंत ने सवाल उठाया, "पहली से पांचवीं कक्षा के बच्चों के लिए हिंदी क्यों अनिवार्य करना चाह रहे हैं? गुजरात, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश में तीसरी भाषा कौन सी होगी, यह सरकार को स्पष्ट करना होगा।"
शिवसेना के 59वें स्थापना दिवस पर भी अरविंद सावंत ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "मैं खुश हूं, लेकिन इस बात का थोड़ा दुख है कि शिवसेना टूटी।" फिर भी, सावंत ने कहा, "शिवसेना एक ही है और मैं इसका गवाह हूं। बालासाहेब ठाकरे ने न जाने कितने सामान्य लोगों को असाधारण बना दिया।"
उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की पार्टियों के बीच गठबंधन की संभावनाओं पर अरविंद सावंत ने बताया, "अगर दो भाई मिल जाते हैं तो यह खुशी की बात होगी। आज हम सुन रहे हैं कि दोनों साथ आ सकते हैं। जब वास्तव में एक साथ आएंगे, तब और भी ज्यादा खुशी होगी। दोनों भाइयों का साथ आना महाराष्ट्र में एक नया इतिहास रचेगा।"