क्या कुल्लू के अखाड़ा बाजार में भूस्खलन ने स्थानीय लोगों की जिंदगी को बदल दिया है?

सारांश
Key Takeaways
- भूस्खलन ने कुल्लू के अखाड़ा बाजार में भारी नुकसान किया है।
- स्थानीय निवासियों ने पुनर्वास योजना की मांग की है।
- प्रशासन को सुरक्षा दीवार बनाने की आवश्यकता है।
- अवैज्ञानिक निर्माण भूस्खलन के लिए जिम्मेदार है।
- आपदा प्रबंधन में सामुदायिक सहयोग आवश्यक है।
कुल्लू, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के अखाड़ा बाजार में भारी बारिशों के कारण आए भूस्खलन ने स्थानीय निवासियों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। राहत कार्यों के बावजूद, अब प्रभावित परिवार अपने घर छोड़कर किराए के मकानों में शरण लेने को मजबूर हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से तत्काल पुनर्वास योजना बनाने की मांग की है।
3 सितंबर को हुई इस प्राकृतिक आपदा में लगभग 12-13 लोग मलबे में दब गए, और कई घरों को नुकसान पहुंचा। प्रभावित व्यक्तियों ने सरकार से पुनर्वास योजना की आवश्यकता पर जोर दिया। इसी मुद्दे पर प्रभावित लोगों ने सोमवार को जिला उपायुक्त (डीसी) से मुलाकात की।
वार्ड नंबर 2 की पार्षद कुब्जा ठाकुर ने कहा, "भूस्खलन से कई परिवार बेघर हो गए हैं। लोग घर छोड़कर किराए पर रहने को मजबूर हैं। खाने-पीने की व्यवस्था भी कठिन हो रही है। हमने डीसी से मुलाकात की और किराया भत्ता देने की मांग की है। साथ ही, मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर पूरे क्षेत्र को आपदा प्रभावित घोषित करने की अपील की है।" उन्होंने पुनर्वास योजना के तहत स्थायी आवास की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
अखाड़ा बाजार के स्थानीय निवासी अभिनव वसिष्ठ ने बताया कि पूरे बाजार में लगभग डेढ़ किलोमीटर का क्षेत्र मकानों के लिए खतरा पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा, "भूस्खलन के बाद मिट्टी का कटाव तेज हो गया है। प्रशासन को जल्द सुरक्षा दीवार बनानी चाहिए। जियोलॉजिकल टीम से सर्वे कराकर पौधरोपण किया जाए, ताकि जमीन स्थिर हो सके और भविष्य में कोई हादसा न हो।"
स्थानीय निवासी विवेक सूद ने आपदा के कारणों के बारे में बताते हुए कहा, "हमारा परिवार पीढ़ियों से यहां रह रहा है, लेकिन कभी इतना बड़ा नुकसान नहीं हुआ।" उन्होंने चिंता जताते हुए कहा, "अखाड़ा में ड्रेनेज और सीवरेज सिस्टम की कमी है। मठ के पास अवैज्ञानिक तरीके से बनी कॉलोनियां भूस्खलन को आमंत्रित कर रही हैं। यदि सुधार नहीं हुआ, तो लोग लगातार विस्थापित होते रहेंगे।"