क्या पीओके में बगावत के सुर तेज हो रहे हैं, महंगाई और राजनीतिक असंतोष के खिलाफ लोगों का गुस्सा?

सारांश
Key Takeaways
- पीओके में महंगाई और राजनीतिक असंतोष के खिलाफ विरोध हो रहा है।
- आवामी एक्शन कमेटी ने हड़ताल की है।
- पाकिस्तानी सेना के खिलाफ लोगों में गुस्सा है।
- विरोध प्रदर्शनों का सामान्य जनजीवन पर प्रभाव पड़ा है।
- अधिकारियों ने कम्युनिकेशन ब्लैकआउट लागू किया है।
मुजफ्फराबाद, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई है। हाल के दिनों में यहाँ व्यापक विरोध-प्रदर्शन की घटनाएँ देखने को मिली हैं। हजारों लोग अवामी एक्शन कमेटी (एएसी) के बैनर तले आर्थिक राहत और राजनीतिक सुधारों की मांग कर रहे हैं।
पीओके में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ भी गुस्से का माहौल है।
यूरोपियन टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, एएसी नामक सिविल सोसायटी ग्रुप ने आटे और बिजली की बढ़ती कीमतों के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है।
इसके अलावा, पीओके में लोग पाकिस्तान में रह रहे कश्मीरी शरणार्थियों के लिए आरक्षित 12 विधायी सीटों को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं।
यूरोपियन टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह क्षेत्र संसाधनों से भरपूर है और मंगला बांध जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों से युक्त है, लेकिन यहाँ के लोग बढ़ती बिजली दरों और महंगाई का सामना कर रहे हैं।
हाल के दिनों में पीओके में आम लोगों और पाकिस्तानी सेना के बीच झड़प की तस्वीरें भी सामने आई हैं। झड़पें हिंसक रूप ले चुकी हैं, जिसमें कम से कम 10 नागरिक मारे गए और 100 से अधिक घायल हुए।
धीरकोट (बाग जिला) में चार प्रदर्शनकारियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मुजफ्फराबाद, ददयाल (मीरपुर) और कोहाला के पास चम्याती में भी कई लोगों की मौतें हुई। पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग की गई।
पुलिस द्वारा की गई फायरिंग के खिलाफ लोगों का गुस्सा फट पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप मुजफ्फराबाद की ओर एक लंबा मार्च निकाला गया।
पीओके में हुए इस विरोध प्रदर्शन का प्रभाव वहाँ के लोगों के सामान्य जनजीवन पर भी पड़ा है। विरोध प्रदर्शनों के कारण वहाँ के बाजार, स्कूल और सार्वजनिक परिवहन बंद कर दिए गए हैं।
साथ ही, लोगों की आवाज़ को दबाने के लिए अधिकारियों ने इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं सहित आंशिक रूप से कम्युनिकेशन ब्लैकआउट लागू कर दिया है। संवेदनशील इलाकों में अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियाँ तैनात की गई हैं।