क्या 'सिंहासन' गले की समस्याओं और तनाव को खत्म करने में मदद कर सकता है?

सारांश
Key Takeaways
- सिंहासन से गले की समस्याओं में कमी आती है।
- यह आत्मविश्वास को बढ़ाने में सहायक है।
- यह चेहरे की झुर्रियों को कम करता है।
- सिंहासन मानसिक स्पष्टता प्रदान करता है।
- इससे रक्त संचार में सुधार होता है।
नई दिल्ली, 20 जून (राष्ट्र प्रेस)। सिंहासन एक सरल और प्रभावी योग आसन है। यह न केवल चेहरे और गले की मांसपेशियों को मजबूत करने में सहायक है, बल्कि आत्मविश्वास और तनावमुक्ति के लिए भी महत्वपूर्ण है।
सिंहासन का लाभ चेहरे, गले और थायराइड ग्रंथि के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। यह गले की मांसपेशियों को सक्रिय कर थायराइड और पैराथायराइड ग्रंथियों के कार्य को संतुलित करता है, जो हार्मोन के लिए आवश्यक हैं। यह आसन चेहरे की झुर्रियों को कम करने, जबड़े की जकड़न को समाप्त करने और आवाज को स्पष्ट करने में मदद करता है। गायकों, शिक्षकों और वक्ताओं के लिए यह विशेष रूप से लाभकारी है, क्योंकि यह गले की समस्याओं जैसे टॉन्सिलाइटिस और खराश को कम करता है।
छत्तीसगढ़ योग आयोग के आधिकारिक इंस्टाग्राम पोस्ट के अनुसार, सिंहासन से शरीर के कई अंग जैसे चेहरा, आंख, कान, जीभ, गले, छाती और अंगुलियां लाभान्वित होते हैं। यह तनाव को कम करता है और एक एंटी-एजिंग थेरेपी के रूप में कार्य करता है। चेहरे पर रक्त परिसंचरण को सुधारता है और झुर्रियों को कम करता है।
सिंहासन करते समय नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकलती है। यह आत्मविश्वास को बढ़ाने और मानसिक स्पष्टता प्रदान करने में भी सहायक है। इसके साथ-साथ, यह पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है और रक्त संचार को बेहतर बनाता है।
विशेषज्ञ सिंहासन की सही विधि बताते हैं कि इसे शांत स्थान पर योग मैट पर वज्रासन या सुखासन की मुद्रा में बैठकर करना चाहिए। फिर घुटनों पर बैठें, हथेलियों को घुटनों के सामने जमीन पर रखकर उंगलियों को पीछे की ओर रखें। गहरी सांस लेते समय जीभ को पूरी तरह बाहर निकालें और आंखों को ऊपर करें।
सिंहासन के दौरान चेहरे को सिंह की तरह बनाना चाहिए और आंखें खुली रखनी चाहिए, साथ ही गले से गर्जना सी आवाज निकालनी चाहिए। इस प्रक्रिया को 4-5 बार दोहराएं और प्रत्येक बार 10-15 सेकंड तक बनाए रखें।
विशेषज्ञों का कहना है कि सिंहासन न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि मन और आत्मा को भी सशक्त बनाता है। इसे अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। हालांकि, इसे करते समय कुछ सावधानियाँ रखनी चाहिए। यदि गले या घुटने में दर्द हो, तो यह आसन नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों को इसे करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए।