क्या पीएम मोदी के भाषण में नया कुछ नहीं था? तेजस्वी यादव का आरोप

सारांश
Key Takeaways
- तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी के भाषण को निराशाजनक बताया।
- सीवान दौरे पर 100 करोड़ रुपए खर्च होने का आरोप।
- रैली में भीड़ जुटाने के लिए प्रशासन का सहारा लिया गया।
- लालू यादव का योगदान ट्रेनों में मान्यता प्राप्त।
- जातिगत भेदभाव का स्पष्ट प्रमाण सामने आया।
पटना, 20 जून (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे को लेकर एनडीए पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि जब भी पीएम मोदी बिहार आते हैं, तो राज्य के 100 करोड़ रुपए खर्च होते हैं।
पटना में राजद प्रदेश कार्यालय में एक प्रेस वार्ता के दौरान तेजस्वी यादव ने कहा कि पीएम मोदी के भाषण में कोई नया कंटेंट नहीं था, बल्कि वही पुरानी बातें दोहराई गईं। उन्होंने सवाल उठाया कि पीएम मोदी ने सीवान को क्या दिया? इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया कि रैली में भीड़ जुटाने के लिए प्रशासन का सहारा लिया गया और जबरदस्ती भीड़ बुलवाई गई। ऐसा तमाशा 2005 से पहले नहीं होता था।
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टेलीप्रॉम्पटर के सहारे भाषण देते हैं और उन्हें जमीनी सच्चाई की कोई जानकारी नहीं है। बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे लगातार हवाई यात्रा कर रहे हैं, लेकिन इसका खर्च कौन उठा रहा है? उप मुख्यमंत्री ने सीवान में पाँच बार हेलीकॉप्टर से यात्रा की है, और यह भी खर्चीला है। देश के सबसे गरीब राज्य का शोषण किया जा रहा है।
तेजस्वी ने कहा कि लालू यादव पर आरोप लगाने वाले पीएम मोदी को समझना चाहिए कि आज देश में कोई भी ट्रेन चल रही है तो उसके पहिए बिहार के द्वारा चलते हैं, और यह लालू यादव की उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी केवल कथा सुनाकर गए हैं और जुमलों की बौछार करके चले गए हैं। बिहार को वहाँ के लोग ही चलाएंगे।
दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सीवान दौरे को लेकर सारण विकास मंच के संयोजक शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि पीएम ने सीवान से जो भाषण दिया, वह न तो जनता की अपेक्षाओं को पूरा करता है और न ही उसमें कोई नयापन है। यह भाषण पीएम मोदी की पुरानी आदतों का पुनरावलोकन मात्र था। उन्होंने सरकारी मंच का उपयोग राजनीतिक प्रचार के लिए किया और महत्वपूर्ण मुद्दों से पूरी तरह मुंह मोड़ लिया।
शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि सीवान में उन्होंने अपने मंत्रियों और सहयोगियों का उल्लेख किया, लेकिन जानबूझकर उन चेहरों को अनदेखा किया जो सामाजिक न्याय और समानता के प्रतीक हैं। उन्होंने सीवान की मौजूदा महिला सांसद और गोपालगंज के दलित सांसद का नाम लेना जरूरी नहीं समझा। यह उनके राजनीति में जातिगत भेदभाव का स्पष्ट प्रमाण है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने राजपूत समुदाय के नेताओं की जानबूझकर उपेक्षा की।