क्या वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लद्दाख में महिला उद्यमियों से मुलाकात की?

सारांश
Key Takeaways
- वित्त मंत्री ने स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी का दौरा किया।
- महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सरकार की योजनाओं पर चर्चा हुई।
- स्वयं सहायता समूहों का महत्व और ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने का प्रयास।
लेह, १५ जून (राष्ट्र प्रेस) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को लद्दाख क्षेत्र में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) और स्थानीय उद्यमियों द्वारा आयोजित हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों की एक प्रदर्शनी का दौरा किया।
उन्होंने कारीगरों, महिलाओं के नेतृत्व वाले एसएचजी और स्थानीय उद्यमियों के साथ संवाद किया, जिन्होंने अपने स्टॉल पर पारंपरिक शिल्प और हथकरघा वस्त्र प्रदर्शित किए।
वित्त मंत्री ने कारीगरों की उद्यमिता और रचनात्मकता की सराहना की, तथा बताया कि कैसे सरकार सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और केंद्र शासित प्रदेश में ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
यह पहल महिलाओं और स्थानीय उद्यमियों को सशक्त बनाने और रोजगार सृजन के लिए केंद्र की समावेशी विकास नीति का एक हिस्सा है।
वित्त मंत्री लद्दाख के चार दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान वह क्षेत्र में वित्तीय समावेशन और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए एक क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगी।
उन्होंने लद्दाख ऑटोनॉमस हिल डेवलपमेंट काउंसिल (एलएएचडीसी) के पार्षदों और लद्दाख प्रशासन के साथ भी बातचीत की। वह अपने दौरे के दौरान विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन भी करेंगी।
मोदी सरकार ने प्रमुख डीएवाई-एनआरएलएम गरीबी उन्मूलन योजना के अंतर्गत वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए देशभर में ९०.७६ लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) में १०.०४ करोड़ से अधिक महिलाओं को संगठित करने में सफलता प्राप्त की है।
गरीबों के लिए पीएम मुद्रा योजना के तहत ३२.६१ लाख करोड़ रुपए के ५२ करोड़ से अधिक लोन स्वीकृत किए गए हैं। २०२५ में इस योजना को १० वर्ष पूरे होंगे।
यह योजना छोटे शहरों और गांवों में महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रही है, क्योंकि लगभग ७० प्रतिशत मुद्रा लोन महिला उद्यमियों द्वारा लिए गए हैं, जिससे उनकी वित्तीय स्वतंत्रता में वृद्धि हुई है और लैंगिक समानता में भी योगदान मिला है।