क्या भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा में सरकार अभी भी शामिल है? : जितिन प्रसाद

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क्या भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा में सरकार अभी भी शामिल है? : जितिन प्रसाद

सारांश

भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा अभी भी जारी है। जानिए इस समझौते के पीछे के उद्देश्य और अमेरिका द्वारा लगाए गए नए टैरिफ का भारत के निर्यात पर प्रभाव।

Key Takeaways

  • भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा जारी है।
  • अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर रेसिप्रोकल टैरिफ लागू किया है।
  • सरकार सभी हितधारकों के साथ बातचीत कर रही है।
  • टैरिफ स्थिरता का उद्देश्य व्यापार को बढ़ावा देना है।
  • फार्मास्यूटिक्स और इलेक्ट्रॉनिक्स पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं।

नई दिल्ली, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। संसद में मंगलवार को दी गई जानकारी के अनुसार, सरकार अभी भी वाशिंगटन के साथ भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर चर्चा में शामिल है, जिसका उद्देश्य टैरिफ स्थिरता और दीर्घकालिक व्यापार पूर्वानुमान के माध्यम से व्यापार और निवेश का विस्तार करना है।

भारत से अमेरिका को निर्यात की जाने वाली कुछ वस्तुओं पर 7 अगस्त से 25 प्रतिशत की दर से रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया गया है।

अनुमान है कि अमेरिका को भारत के कुल व्यापारिक निर्यात का लगभग 55 प्रतिशत इस रेसिप्रोकल टैरिफ के अधीन है।

इसके अलावा, वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि 27 अगस्त, 2025 से भारत से निर्यात की जाने वाली कुछ वस्तुओं पर 25 प्रतिशत की एडिशनल शुल्क दर लागू की गई है।

उन्होंने आगे कहा, "अभी तक अमेरिका को भारतीय निर्यात पर फार्मास्यूटिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाया गया है।"

राज्य मंत्री के अनुसार, उत्पाद विभेदीकरण, मांग, गुणवत्ता और कॉन्ट्रैक्चुअल अरेंजमेंट जैसे विभिन्न कारकों का संयोजन, कपड़ा क्षेत्र सहित भारत के निर्यात पर रेसिप्रोकल टैरिफ के प्रभाव को निर्धारित करेगा।

राज्य मंत्री ने जोर देकर कहा, "सरकार अमेरिका द्वारा लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ के प्रभाव के आकलन पर प्रतिक्रिया लेने के लिए निर्यातकों और उद्योग सहित सभी हितधारकों के साथ बातचीत कर रही है। सरकार किसानों, श्रमिकों, उद्यमियों, निर्यातकों, एमएसएमई और उद्योग के सभी वर्गों के कल्याण की रक्षा और संवर्धन को सर्वोच्च महत्व देती है।"

भारत-अमेरिका व्यापार समझौता वार्ता मार्च 2025 में शुरू की गई थी। वार्ता के पांच दौर हो चुके हैं, जिनमें से अंतिम 14-18 जुलाई को वाशिंगटन, डीसी में हुआ था।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा की गई नवीनतम शुल्क कार्रवाई को अनफेयर, अनजस्टिफाइड और अनरीजनेबल बताया गया है।

सरकार ने एक बयान में कहा था, "हमने इन मुद्दों पर अपनी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर दी है, जिसमें यह तथ्य भी शामिल है कि हमारे आयात बाजार के कारकों पर आधारित हैं और भारत के 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के समग्र उद्देश्य से किए जाते हैं।"

बयान के अनुसार, "इसलिए, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ने भारत पर उन कदमों के लिए अतिरिक्त शुल्क लगाने का विकल्प चुना है जो कई अन्य देश भी अपने राष्ट्रीय हित में उठा रहे हैं।"

Point of View

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत महत्वपूर्ण है। यह न केवल टैरिफ स्थिरता को बढ़ावा देगा, बल्कि दीर्घकालिक व्यापार पूर्वानुमान के साथ-साथ निवेश के नए अवसर भी उत्पन्न करेगा। सभी हितधारकों की राय को सुनना और उनकी चिंताओं को समझना आवश्यक है, ताकि व्यापारिक संबंधों को और मजबूत किया जा सके।
NationPress
20/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत-अमेरिका व्यापार समझौते का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस समझौते का मुख्य उद्देश्य टैरिफ स्थिरता और दीर्घकालिक व्यापार पूर्वानुमान के माध्यम से व्यापार और निवेश का विस्तार करना है।
क्या रेसिप्रोकल टैरिफ अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर लगाया गया है?
हाँ, अमेरिका ने भारत से निर्यात की जाने वाली कुछ वस्तुओं पर 7 अगस्त से 25 प्रतिशत की दर से रेसिप्रोकल टैरिफ लागू किया है।
भारत सरकार इस टैरिफ के प्रभाव के बारे में क्या कर रही है?
सरकार निर्यातकों और उद्योग सहित सभी हितधारकों के साथ बातचीत कर रही है, ताकि रेसिप्रोकल टैरिफ के प्रभाव का आकलन किया जा सके।