क्या आलोक नाथ को मल्टी लेवल मार्केटिंग फ्रॉड केस में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली?

सारांश
Key Takeaways
- आलोक नाथ को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है।
- गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई है।
- मामला हरियाणा के सोनीपत से जुड़ा है।
- 13 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
- ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट सोसाइटी पर आरोप है।
नई दिल्ली, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। फिल्म अभिनेता आलोक नाथ को मल्टी लेवल मार्केटिंग फ्रॉड मामले में सुप्रीम कोर्ट से महत्वपूर्ण राहत मिली है। इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अभिनेता की याचिका पर हरियाणा, उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट ने आलोक नाथ की गिरफ्तारी पर रोक भी लगाई है। इसी मामले में अभिनेता श्रेयस तलपडे को भी सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल चुकी है।
न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने अभिनेता की याचिका पर हरियाणा पुलिस और अन्य को नोटिस जारी किया है।
अब सुप्रीम कोर्ट अभिनेता श्रेयस तलपड़े की याचिका के साथ आलोक नाथ के मामले की सुनवाई करेगा। आलोक नाथ और श्रेयस तलपड़े दोनों ने अपने खिलाफ दर्ज मुकदमे को रद्द करने की मांग की है।
यह मामला हरियाणा के सोनीपत की एक मल्टी मार्केटिंग फर्म से जुड़ा है। इसमें हुई धोखाधड़ी के आरोप में फिल्म अभिनेता आलोक नाथ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इस कंपनी ने आलोक नाथ और श्रेयस तलपड़े को अपना ब्रांड एम्बेसडर बनाया था।
सोनीपत और लखनऊ में दर्ज की गई एफआईआर में श्रेयस तलपडे, आलोक नाथ समेत 13 लोगों को आरोपी बनाया गया था। शिकायत में 7 आरोपियों ने कथित तौर पर 45 निवेशकों से 9.12 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी होने की बात कही थी।
एफआईआर के अनुसार, इस कंपनी का नाम ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी है, जिसने 16 सितंबर 2016 को हरियाणा और लखनऊ समेत कई राज्यों में ठगी का बिजनेस शुरू किया था। यह सोसाइटी मध्य प्रदेश के इंदौर में रजिस्टर्ड बताई गई थी।
सोसाइटी में निवेशकों को फिक्स्ड डिपॉजिट और रेकरिंग डिपॉजिट जैसी योजनाओं का ऑफर दिया जाता था। अच्छी ब्याज दरों के लालच में कई लोगों ने इस कंपनी में निवेश किया था।
करोड़ों रुपए हड़पने के बाद पिछले साल नवंबर में सोसाइटी के ऑफिस अचानक बंद होने लगे, जिसके बाद पीड़ितों ने अलग-अलग जगह इसको लेकर एफआईआर दर्ज कराई। फिलहाल इस कंपनी के संस्थापकों की खोज जारी है। बताया जा रहा है कि पुलिस अभी तक उन्हें पकड़ नहीं पाई है।