क्या अमरनाथ यात्रा दूसरे दिन भी जम्मू से स्थगित रही?

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क्या अमरनाथ यात्रा दूसरे दिन भी जम्मू से स्थगित रही?

सारांश

अमरनाथ यात्रा के दौरान जम्मू से घाटी में यात्रा स्थगित होने का मामला सामने आया है। सिर्फ बालटाल से गुफा की ओर जाने की अनुमति है। सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की गई है, जबकि तीर्थयात्रियों की संख्या 4 लाख तक पहुंच चुकी है। जानिए इस पवित्र यात्रा के बारे में और क्या खास है।

Key Takeaways

  • अमरनाथ यात्रा का महत्व धार्मिक आस्था में है।
  • यात्रा के दौरान सुरक्षा का ध्यान रखा गया है।
  • तीर्थयात्रियों की संख्या 4 लाख से अधिक है।
  • बालटाल से यात्रा करने वालों को 14 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होगी।
  • इस वर्ष कोई हेलीकॉप्टर सेवा नहीं है।

श्रीनगर, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अमरनाथ यात्रा शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन भी जम्मू से घाटी तक स्थगित रही। यात्रियों को केवल बालटाल बेस कैंप से पवित्र गुफा की ओर जाने की अनुमति दी गई।

गुरुवार तक यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या 4 लाख का आंकड़ा पार कर गई है।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, जो श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के चेयरमैन भी हैं, ने गुरुवार को तीर्थयात्रियों की संख्या 4 लाख पार करने पर कहा, "बाबा अमरनाथ असंभव को संभव बना देते हैं। उनके आशीर्वाद से पवित्र यात्रा आज 4 लाख का आंकड़ा पार कर गई। मैं इस चमत्कार के लिए भगवान शिव को नमन करता हूं और इस पवित्र तीर्थयात्रा को श्रद्धालुओं के लिए एक दिव्य अनुभव बनाने में शामिल सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।"

एसएएसबी के अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को जम्मू से घाटी की ओर यात्रियों की आवाजाही नहीं होगी और पहलगाम बेस कैंप से किसी भी यात्री को पवित्र गुफा मंदिर की ओर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी, क्योंकि उस क्षेत्र में ट्रैक का रखरखाव कार्य चल रहा है।

यात्रियों को केवल बालटाल बेस कैंप से ही पवित्र गुफा की ओर जाने की अनुमति होगी।

अमरनाथ यात्रा के लिए प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। यह यात्रा पहलगाम हमले के बाद हो रही है, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 नागरिकों की हत्या कर दी थी। 180 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों को सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस की मौजूदा ताकत बढ़ाने के लिए लाया गया है। जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से गुफा मंदिर तक के पूरे रास्ते और दोनों आधार शिविरों के रास्ते में सभी पारगमन शिविरों को सुरक्षा बलों ने सुरक्षित कर लिया है।

पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वाले लोग चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी से होकर गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं और 46 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करते हैं।

तीर्थयात्रियों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं। वहीं, छोटे बालटाल मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए 14 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है और यात्रा पूरी करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौटना पड़ता है। सुरक्षा कारणों से इस वर्ष यात्रियों के लिए कोई हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है।

श्री अमरनाथ जी यात्रा भक्तों के लिए सबसे पवित्र धार्मिक तीर्थयात्राओं में से एक है, क्योंकि किंवदंती है कि भगवान शिव ने इस गुफा के अंदर माता पार्वती को शाश्वत जीवन और अमरता के रहस्य बताए थे।

Point of View

लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या और यात्रा का महत्व भी ध्यान देने योग्य है। यह यात्रा धार्मिक आस्था और सुरक्षा के बीच संतुलन स्थापित करने का प्रयास करती है।
NationPress
02/08/2025

Frequently Asked Questions

अमरनाथ यात्रा कब स्थगित हुई?
अमरनाथ यात्रा शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन जम्मू से घाटी तक स्थगित हुई।
यात्रियों को किस बेस कैंप से जाने की अनुमति है?
यात्रियों को केवल बालटाल बेस कैंप से पवित्र गुफा की ओर जाने की अनुमति है।
इस वर्ष हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध है?
सुरक्षा कारणों से इस वर्ष यात्रियों के लिए कोई हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है।
अमरनाथ यात्रा की कुल दूरी कितनी है?
पहलगाम मार्ग से गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए 46 किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है।
इस यात्रा में सुरक्षा के क्या इंतजाम हैं?
इस यात्रा के लिए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं, जिसमें 180 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों को तैनात किया गया है।