क्या निर्वाचन आयोग बिहार में गुपचुप एनआरसी लागू कर रहा है? : असदुद्दीन ओवैसी

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क्या निर्वाचन आयोग बिहार में गुपचुप एनआरसी लागू कर रहा है? : असदुद्दीन ओवैसी

सारांश

असदुद्दीन ओवैसी ने चुनाव आयोग के बिहार में एनआरसी लागू करने के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि यह गरीबों के लिए एक क्रूर मजाक है। क्या बिहार के मतदाता सूची के पुनरीक्षण से लोकतंत्र को खतरा है?

Key Takeaways

  • असदुद्दीन ओवैसी का आरोप है कि चुनाव आयोग एनआरसी को गुपचुप तरीके से लागू कर रहा है।
  • बिहार के गरीबों को दस्तावेजों के जरिए अपनी पहचान साबित करने के लिए कहा जा रहा है।
  • सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी प्रक्रियाओं पर सवाल उठाए हैं।
  • विजय कुमार सिन्हा ने इस फैसले को स्वागत योग्य बताया है।
  • यह कदम बिहार में चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है।

नई दिल्ली, 27 जून (राष्ट्र प्रेस)। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने चुनाव आयोग द्वारा बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के फैसले पर ऐतराज जताया है।

ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "निर्वाचन आयोग बिहार में गुपचुप तरीके से एनआरसी लागू कर रहा है। वोटर लिस्ट में नाम दर्ज करवाने के लिए अब हर नागरिक को दस्तावेजों के जरिए साबित करना होगा कि वह कब और कहां पैदा हुआ था, और यह भी कि उनके माता-पिता कब और कहां पैदा हुए थे। विश्वसनीय अनुमानों के अनुसार भी केवल तीन-चौथाई जन्म ही पंजीकृत होते हैं। ज्यादातर सरकारी कागजों में भारी ग़लतियां होती हैं।"

उन्होंने लिखा, "बाढ़ प्रभावित सीमांचल क्षेत्र के लोग सबसे गरीब हैं, वे मुश्किल से दिन में दो बार खाना खा पाते हैं। ऐसे में उनसे यह अपेक्षा करना कि उनके पास अपने माता-पिता के दस्तावेज होंगे, एक क्रूर मजाक है।"

असदुद्दीन ओवैसी ने वोटर लिस्ट का जिक्र करते हुए लिखा, "इस प्रक्रिया का परिणाम यह होगा कि बिहार के गरीबों की बड़ी संख्या को वोटर लिस्ट से बाहर कर दिया जाएगा। वोटर लिस्ट में अपना नाम भर्ती करना हर भारतीय का संवैधानिक अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने 1995 में ही ऐसी मनमानी प्रक्रियाओं पर सख्त सवाल उठाए थे। चुनाव के इतने करीब इस तरह की कार्रवाई शुरू करने से लोगों का निर्वाचन आयोग पर भरोसा कमजोर हो जाएगा।"

चुनाव आयोग द्वारा बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के फैसले का बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को इस फैसले से बेचैनी क्यों हो रही है? अगर चुनाव आयोग पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना चाहता है, तो इसमें गलत क्या है? विपक्ष लोकतंत्र के खिलाफ काम करने में लगा हुआ है। चुनाव आयोग का यह कदम बिहार में निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करेगा।

Point of View

यह स्पष्ट है कि चुनाव आयोग की कार्रवाइयों से जनता में विश्वास का संकट पैदा हो सकता है। ऐसी प्रक्रियाएं जो गरीबों को मतदान से वंचित कर सकती हैं, उन्हें सावधानी से देखना आवश्यक है। हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी नागरिकों के अधिकारों का सम्मान किया जाए।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

असदुद्दीन ओवैसी ने चुनाव आयोग के निर्णय पर क्या कहा?
उन्होंने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग बिहार में गुपचुप तरीके से एनआरसी लागू कर रहा है, जिससे गरीबों को परेशानी होगी।
क्या यह प्रक्रिया लोकतंत्र के लिए खतरा है?
ओवैसी का मानना है कि यह प्रक्रिया गरीबों को वोट से वंचित कर सकती है, जिससे लोकतंत्र प्रभावित हो सकता है।
बिहार के उप मुख्यमंत्री ने इस फैसले पर क्या प्रतिक्रिया दी?
उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने इस फैसले का स्वागत किया और इसे पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया के लिए आवश्यक बताया।