क्या अयोध्या में दक्षिण भारत के तीन महान संगीतज्ञों की मूर्तियां स्थापित होंगी?

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क्या अयोध्या में दक्षिण भारत के तीन महान संगीतज्ञों की मूर्तियां स्थापित होंगी?

सारांश

अयोध्या में वृहस्पति कुंड का जीर्णोद्धार हो रहा है, जिसमें दक्षिण भारत के तीन प्रमुख भक्ति गीतों के संगीतकारों की मूर्तियां लगाई जाएंगी। इस परियोजना के अंतर्गत कुंड के सौंदर्यकरण और सुविधाओं के विकास की योजना बनाई गई है। क्या यह अयोध्या को एक नया पर्यटन स्थल बना सकेगा?

Key Takeaways

  • अयोध्या का वृहस्पति कुंड जीर्णोद्धार हो रहा है।
  • दक्षिण भारत के तीन महान संगीतकारों की मूर्तियां लगाई जा रही हैं।
  • इस परियोजना की लागत 4.49 करोड़ रुपये है।
  • कुंड का सौंदर्यकरण पर्यटकों के लिए इसे आकर्षक बनाएगा।
  • अयोध्या में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

अयोध्या, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अयोध्या के ऐतिहासिक कुंडों का जीर्णोद्धार करवा रही है। अब तक बदहाल रहे कई कुंडों का स्वरूप बदल चुका है। इसी क्रम में टेढ़ी बाजार स्थित वृहस्पति कुंड का सौंदर्यकरण किया जा रहा है। यह कुंड दक्षिण भारत के पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा। कारण यह है कि यहां पर दक्षिण भारत के तीन महान और भक्ति गीतों के दिवंगत संगीतकारों की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी।

लगभग 4.49 करोड़ की लागत से तैयार हो रहे इस कुंड को एक से डेढ़ महीने में पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। श्रीराम की पावन नगरी एक बार फिर अपनी प्राचीन और आध्यात्मिक धरोहरों को सहेजने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। योगी सरकार के नेतृत्व में अयोध्या के टेढ़ी बाजार के समीप स्थित वृहस्पति कुंड का जीर्णोद्धार कार्य तेजी से चल रहा है।

यह महत्वाकांक्षी परियोजना उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम द्वारा पूरी की जा रही है, जिसकी कुल लागत 4.49 करोड़ रुपये है। अयोध्या संरक्षण विकास समिति इस परियोजना की निगरानी कर रही है ताकि कुंड को न केवल आध्यात्मिक बल्कि भव्य और पर्यटन के लिए आकर्षक स्वरूप प्रदान किया जा सके। वृहस्पति कुंड अयोध्या के 108 प्राचीन कुंडों में से एक है, जिनका उल्लेख वेदों, पुराणों और उपनिषदों में मिलता है। यह कुंड धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि मान्यता है कि त्रेतायुग में भगवान राम और उनके भाइयों ने इन कुंडों में स्नान और अन्य धार्मिक कार्य किए थे।

लंबे समय तक उपेक्षा का शिकार रहे इन कुंडों को योगी सरकार ने अपने सौंदर्यीकरण और संरक्षण के एजेंडे में शामिल किया है। वृहस्पति कुंड का जीर्णोद्धार न केवल इसकी प्राचीन गरिमा को बहाल करेगा, बल्कि इसे पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण के रूप में भी स्थापित करेगा। इस परियोजना के तहत कुंड के आसपास के क्षेत्र को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है। इसमें पक्के घाटों का निर्माण, स्वच्छ जल की व्यवस्था, और पर्यटकों के लिए बैठने की उचित व्यवस्था शामिल है। कुंड के आसपास हरियाली और लैंडस्केपिंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिससे यह स्थल पर्यटकों के लिए और अधिक आकर्षक बने।

टॉयलेट ब्लॉक, सिक्योरिटी केबिन, सेप्टिक टैंक, आर्क, सीसी रोड चाहरदिवारी व वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य अंतिम चरण में है, जबकि रेन वाटर हार्वेस्टिंगआरसीसी रिटेनिंग वाल का कार्य पूरा हो चुका है। अयोध्या का संगीतकारों से नाता जुड़ता जा रहा है। हाल ही में सरकार ने सुप्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर की भारी भरकम वीणा नया घाट चौराहे पर लगवाकर उन्हें नमन किया है। ठीक इसी तरीके से अब तीन संगीतज्ञों की मूर्तियां लगने जा रही हैं। इनमें दक्षिण भारत के भक्ति गीतों के महान संगीतकारों त्यागराज स्वामीगल (1767-1847), पुरंदर दास (1484-1564) व अरुणाचल कवि (1711-1779) की मूर्तियां आने की योजना है, जिनकी स्थापना के लिए 3 फाउंडेशनों का कार्य पूर्ण हो चुका है।

मूर्तियों का 10 दिन में परियोजना पर आना प्रस्तावित है। मूल परियोजना में उक्त फाउंडेशन का कार्य सम्मिलित नहीं था, लेकिन कमिश्नर के मौखिक निर्देशों के क्रम में उक्त फाउंडेशन का कार्य कार्यदायी संस्था उप्र राजकीय निर्माण निगम द्वारा अतिरिक्त रूप से कराया जा चुका है। राजकीय निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर रविंद्र यादव ने बताया कि परियोजना लगभग पूरी हो चुकी है। दो वर्ष पहले कार्य शुरू हुआ था। वृहस्पति कुंड के जीर्णोद्धार से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। अयोध्या में पहले ही सूर्य कुंड और भरत कुंड जैसे स्थलों का जीर्णोद्धार हो चुका है, जो अब पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुके हैं।

Point of View

मैं यह मानता हूं कि अयोध्या का यह विकास न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर को भी सहेजने का कार्य करेगा। यह पहल हमें हमारी जड़ों से जोड़ती है।
NationPress
08/08/2025

Frequently Asked Questions

वृहस्पति कुंड का जीर्णोद्धार कब पूरा होगा?
यह परियोजना एक से डेढ़ महीने में पर्यटकों के लिए खोल दी जाएगी।
कुंड के सौंदर्यकरण में क्या-क्या शामिल है?
इसमें पक्के घाटों का निर्माण, स्वच्छ जल की व्यवस्था और बैठने की उचित व्यवस्था शामिल है।
कौन-कौन से संगीतकारों की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी?
त्यागराज स्वामीगल, पुरंदर दास और अरुणाचल कवि की मूर्तियां लगाई जाएंगी।
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इसका मुख्य उद्देश्य कुंड की प्राचीन गरिमा को बहाल करना और इसे पर्यटन के लिए आकर्षक बनाना है।
क्या यह परियोजना धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगी?
हाँ, यह परियोजना धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने में सहायक होगी।