क्या बाटला हाउस डिमोलिशन केस में डीडीए को हाईकोर्ट का नोटिस मिला?

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली हाईकोर्ट ने डिमोलिशन पर अंतरिम रोक लगाई।
- डीडीए को सीमांकन रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया गया।
- अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी।
- लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया।
- सुप्रीम कोर्ट का आदेश डीडीए के पक्ष में है।
नई दिल्ली, 20 जून (राष्ट्र प्रेस)। बाटला हाउस क्षेत्र में डीडीए द्वारा की जा रही डिमोलिशन कार्रवाई को लेकर दायर की गई याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया। अदालत ने डीडीए को नोटिस जारी करते हुए फिलहाल डिमोलिशन पर अंतरिम रोक लगा दी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी। अदालत ने डीडीए से डिमार्केशन रिपोर्ट (सीमांकन रिपोर्ट) प्रस्तुत करने को कहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जिस संपत्ति पर नोटिस जारी किया गया है, वह वास्तव में विवादित खसरा नंबर के अंतर्गत आती है या नहीं।
याचिका दायर करने वाले एक व्यक्ति का कहना है कि उसकी संपत्ति का खसरा नंबर 279 से कोई संबंध नहीं है, फिर भी डीडीए ने उसे इसी खसरा नंबर के तहत मानते हुए डिमोलिशन नोटिस भेजा है।
वहीं, डीडीए का कहना है कि खसरा नंबर 279 के संबंध में सुप्रीम कोर्ट से डिमोलिशन का आदेश प्राप्त हुआ था। डीडीए ने केवल उसी खसरा नंबर पर स्थित अवैध निर्माणों के खिलाफ नोटिस जारी किया है। डीडीए का दावा है कि अन्य खसरा नंबरों पर स्थित संपत्तियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
इससे पहले की सुनवाई में भी बाटला हाउस क्षेत्र से जुड़ी एक दर्जन से अधिक याचिकाओं पर दिल्ली हाईकोर्ट ने डीडीए की कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगाई थी और डीडीए को नोटिस जारी कर अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिए कहा था। अब इस पूरे मामले की अगली सुनवाई सोमवार, 10 जुलाई को होगी। कोर्ट में दो अन्य याचिकाओं की सुनवाई फिलहाल सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
जानकारी के अनुसार, बाटला हाउस में यूपी सिंचाई विभाग की जमीनों पर कई अवैध दुकानों को नोटिस जारी किया गया है। डीडीए द्वारा 26 मई को जारी नोटिस में लोगों को जगह खाली करने के लिए निर्देश दिए गए थे। हालांकि, नोटिस के जवाब में लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया। उनका कहना है कि एक झटके में उन्हें यहां से निकालने की साजिश की जा रही है।