क्या मंगलवार को राम भक्त हनुमान की विशेष पूजा से दूर होंगे सारे कष्ट?

सारांश
Key Takeaways
- हनुमान जी की पूजा से कष्ट दूर होते हैं।
- इस दिन लाल रंग पहनना शुभ है।
- विधि-विधान से पूजा करने से मंगल ग्रह की बाधाएं समाप्त होती हैं।
- अभिजीत मुहूर्त में पूजा करना अधिक फलदायी होता है।
- हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ फल देता है।
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मंगलवार को आडल योग का विशेष संयोग बन रहा है। इस दिन सूर्य कन्या राशि में और चंद्रमा कर्क राशि में विद्यमान रहेंगे।
द्रिक पंचांग के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 44 मिनट से प्रारंभ होकर दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक चलेगा। वहीं, राहुकाल का समय दोपहर 3 बजे से लेकर 4 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। अष्टमी का समय 13 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 24 मिनट से शुरू होकर 14 अक्टूबर सुबह 11 बजकर 9 मिनट तक रहेगा। इस दिन कोई विशेष त्योहार या व्रत नहीं है, लेकिन मंगल ग्रह के नियंत्रक के लिए जातक मंगलवार को व्रत रख सकते हैं।
स्कंद पुराण में उल्लेख मिलता है कि मंगलवार के दिन बजरंगबली का जन्म हुआ था, इस कारण इस दिन उनकी पूजा का विशेष महत्व है। राम भक्त हनुमान को मंगल ग्रह के देवता के रूप में पूजा जाता है।
मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और हनुमान जी की विधि-विधान से पूजा करने से जीवन के कष्ट, भय और चिंताएं समाप्त हो जाती हैं। साथ ही, मंगल ग्रह से संबंधित बाधाएं भी दूर होती हैं।
इस दिन विधि-विधान से पूजा करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म-स्नान आदि करने के बाद पूजा स्थल को साफ करें। फिर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और पूजा की सामग्री रखें और उस पर अंजनी पुत्र की प्रतिमा स्थापित करें।
इसके बाद सिंदूर, चमेली का तेल, लाल फूल और प्रसाद चढ़ाएं। हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ कर बजरंगबली की आरती करें। इसके बाद आरती का आचमन कर आसन को प्रणाम करके प्रसाद ग्रहण करें।
शाम को भी हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि लाल रंग मंगल ग्रह का प्रतीक है। इस दिन लाल कपड़े पहनना और लाल रंग के फल, फूल और मिठाइयां अर्पित करना शुभ माना जाता है। इस पावन दिन पर हनुमान जी की आराधना कर जीवन में सुख-समृद्धि और शांति की कामना करें।