क्या पापांकुशा एकादशी पर विठोबा मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है?

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क्या पापांकुशा एकादशी पर विठोबा मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है?

सारांश

महाराष्ट्र में पापांकुशा एकादशी के अवसर पर विठोबा मंदिर में भक्तों की बड़ी संख्या जुटी है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, एकादशी का पालन करने से भक्तों को जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है। मंदिर के बाहर लंबी कतारें हैं, जो इस अवसर की भव्यता को दर्शाती हैं।

Key Takeaways

  • पापांकुशा एकादशी का विशेष धार्मिक महत्व है।
  • विठोबा मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ होती है।
  • एकादशी के पालन से भक्तों को जीवन-मरण से मुक्ति मिलती है।
  • पंढरपुर का धाम अद्भुत धार्मिक आस्था का केंद्र है।
  • भक्त पुंडलिक ने माता-पिता की सेवा से भगवान विष्णु को प्रसन्न किया।

महाराष्ट्र, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हिंदू धर्म में हर एक एकादशी का विशेष महत्व है, ऐसा माना जाता है कि यह विधि करने वाले भक्तों को जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति प्रदान करती है।

आज आश्विन माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली पापांकुशा एकादशी है। इस अवसर पर महाराष्ट्र के पंढरपुर स्थित विठोबा मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त पहुँच रहे हैं। श्रद्धालु हाथ में मंजीरा लेकर भगवान विट्ठल की आराधना कर रहे हैं।

“हरि भक्त परायण,” राधा गिरधारी दास महाराज ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में एकादशी का महत्व बताते हुए कहा, “पंढरपुर का महत्व ऐसा है कि जब सृष्टि नहीं थी, तब भी पंढरपुर धाम था और इस धाम में पूरे 25 एकादशी का महत्व है, जो इस धाम को पवित्र बनाता है। आज पापांकुशा एकादशी है और कलयुग में सबसे ज्यादा पाप होता है…पापों पर अंकुश लगाना आवश्यक है। इसलिए यहाँ भगवान विट्ठल भक्तों का इंतजार करते हैं। जब भक्तों के पाप समाप्त हो जाते हैं तो भगवान विट्ठल उन्हें अपनी शरण में बुला लेते हैं।

पापांकुशा एकादशी पर मंदिर के बाहर दर्शन के लिए भक्तों की पांच किलोमीटरपांच से छह घंटे इंतजार करना पड़ रहा है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया है।

गौरतलब है कि पंढरपुर में स्थित विठोबा मंदिर भगवान विष्णु और मां रुक्मणी को समर्पित है। यहाँ भगवान विष्णु विट्ठल अवतार में कमर पर हाथ रखकर एक ईंट पर खड़े हैं। यह मंदिर भगवान विष्णु के परम भक्त पुंडलिक की भक्ति को दर्शाता है। कहा जाता है कि परम भक्त पुंडलिक ने अपने माता-पिता की असीम सेवा की थी, जिसके भाव से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु विट्ठल अवतार में प्रकट हुए थे। भक्त पुंडलिक ने भगवान से आग्रह किया था कि वे उनके माता-पिता की सेवा में व्यस्त होने के कारण उनका इंतजार करें। इस प्रकार भगवान ने अपने भक्त का इंतजार किया।

Point of View

बल्कि यह दर्शाती है कि किस प्रकार भारतीय समाज में धर्म और आस्था का एक महत्वपूर्ण स्थान है। पंढरपुर का विठोबा मंदिर हमेशा से भक्तों के लिए एक आस्था का केंद्र रहा है। इस एकादशी पर भक्तों की भीड़ यह सिद्ध करती है कि धार्मिक मान्यताएँ आज भी हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं।
NationPress
03/10/2025

Frequently Asked Questions

पापांकुशा एकादशी का महत्व क्या है?
पापांकुशा एकादशी का महत्व इस बात में है कि यह भक्तों को जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति देती है।
विठोबा मंदिर कहाँ स्थित है?
विठोबा मंदिर महाराष्ट्र के पंढरपुर में स्थित है।
इस एकादशी पर भक्तों को कितना इंतजार करना पड़ता है?
श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए पांच से छह घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है।
पंढरपुर का धार्मिक महत्व क्या है?
पंढरपुर का धार्मिक महत्व इस बात में है कि यहाँ भगवान विष्णु का विट्ठल अवतार है, जो भक्तों को विशेष आशीर्वाद देते हैं।
पुंडलिक का संबंध किससे है?
पुंडलिक भगवान विष्णु के परम भक्त हैं, जिन्होंने अपने माता-पिता की सेवा की थी।