क्या राहुल गांधी के 'इंडियन स्टेट' वाले बयान पर हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई?
सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी का बयान विवादास्पद रहा है।
- सिमरन गुप्ता की याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई है।
- संविधान की रक्षा के लिए कठोर कार्रवाई की आवश्यकता है।
- हाईकोर्ट की अगली सुनवाई महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
- राजनीतिक बयानों पर कानूनी कार्रवाई आवश्यक हो सकती है।
संभल, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। संभल के एमपी–एमएलए कोर्ट में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के विवादास्पद बयान को लेकर दायर की गई याचिका खारिज होने के बाद अब यह मामला हाईकोर्ट में पहुंच चुका है। हिंदू रक्षा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सिमरन गुप्ता ने शुक्रवार को हाईकोर्ट में नई याचिका पेश की, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की।
इस याचिका में यह भी कहा गया है कि राहुल गांधी का 'इंडियन स्टेट' वाला बयान संवैधानिक संस्थाओं और लोकतांत्रिक व्यवस्था पर विश्वास को हानि पहुंचाता है, इसलिए इस पर उचित और कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।
सिमरन गुप्ता ने कहा कि वह न्याय की उम्मीद नहीं छोड़ेंगे और उनकी कानूनी लड़ाई अब हाईकोर्ट में जारी रहेगी।
यह विवाद उस बयान से जुड़ा है जो राहुल गांधी ने 15 जनवरी 2025 को एक कार्यक्रम के दौरान दिया था। उन्होंने कहा था कि हमारी लड़ाई भाजपा या आरएसएस से नहीं, बल्कि इंडियन स्टेट से है। राहुल गांधी के इस बयान के बाद विवाद उत्पन्न हो गया था। कई नेताओं ने इसकी निंदा की थी।
सिमरन गुप्ता ने इसे राष्ट्र-विरोधी और लोकतांत्रिक संस्थाओं की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाला बयान बताया। इसके बाद उन्होंने 23 जनवरी 2025 को संभल स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। लगभग दस महीनों की सुनवाई के दौरान पक्ष और विपक्ष दोनों से विस्तृत बहस हुई। अदालत ने साक्ष्यों, आरोपों और कानूनी प्रावधानों पर विचार करते हुए 7 नवंबर को यह याचिका खारिज कर दी, जिससे राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली।
सिमरन गुप्ता ने संभल के एमपी–एमएलए कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने आशा जताई है कि यहाँ से उन्हें न्याय मिलेगा। हाईकोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।