क्या रवि योग से हर काम में मिलेगी सफलता? जानिए उपाय!

सारांश
Key Takeaways
- रवि योग एक शक्तिशाली योग है।
- इस दिन किए गए कार्यों से सफलता प्राप्त होती है।
- सूर्यदेव को प्रसन्न करने के उपाय करें।
- लाल वस्त्र, गेहूं या गुड़ का दान करें।
- मां लक्ष्मी की पूजा विधि-विधान से करें।
नई दिल्ली, 3 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, रवि योग एक अत्यंत शुभ और प्रभावशाली योग है। यह योग सूर्य और चंद्रमा के विशेष संयोग से उत्पन्न होता है। इस शुक्रवार को यह योग बन रहा है, जो अत्यधिक शुभ माना जाता है, और इस योग में किए गए सभी धार्मिक कार्यों से जातकों को कई गुना फल प्राप्त होता है। इस दिन सूर्य मिथुन राशि में और चंद्रमा तुला राशि में रहेंगे।
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि (दोपहर के 4 बजकर 31 मिनट तक) 4 जुलाई को है। दृक पंचांग के अनुसार, 4 जुलाई को नवमी तिथि दोपहर 4:31 बजे तक रहेगी, इसके बाद दशमी तिथि शुरू होगी। इस दिन रवि योग बनने से मान्यता है कि किए गए कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
रवि योग तब उत्पन्न होता है जब चंद्रमा का नक्षत्र, सूर्य के नक्षत्र से चौथे, छठे, नवें, दसवें और तेरहवें स्थान पर होता है। यह शक्तिशाली योग है, जिसमें नए कार्य की शुरुआत, निवेश, यात्रा, शिक्षा या व्यवसाय से संबंधित कार्य करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
ज्योतिष के अनुसार, इस योग में किए गए कार्यों में विघ्न का अंत होता है और सफलता की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं। इसका दीर्घकालिक सकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिलता है।
इस दिन सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए सुबह अर्घ्य और "ओम सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे व्यक्ति के जीवन में तेज, ऊर्जा और आत्मविश्वास बढ़ता है। साथ ही, लाल वस्त्र, गेहूं या गुड़ का दान करना भी फायदेमंद माना जाता है। यह दान करने से रोग, दरिद्रता और असफलता समेत कई दोषों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सफलता और समृद्धि आती है।
पुराणों के अनुसार, शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने से सभी दुखों का नाश होता है और माता रानी अपने भक्तों को सभी कष्टों से बचाती हैं। साथ ही उनकी जो भी मनोकामनाएँ होती हैं, उन्हें भी पूर्ण करती हैं। यह माना जाता है कि इस दिन पूजा-पाठ के साथ-साथ आपको शुक्रवार व्रत कथा का पाठ जरूर करना चाहिए, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
धार्मिक विद्वान बताते हैं कि रवि योग के दिन व्रत रखना चाहिए। सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करने के बाद मंदिर या पूजा स्थल को साफ कर गंगाजल का छिड़काव करके एक चौकी पर कपड़ा बिछाना चाहिए और फिर मां लक्ष्मी की पूजा विधि-विधान से करनी चाहिए। माता का ध्यान करके व्रत का संकल्प लें। दीपक जलाएं और कथा सुनें तथा मां लक्ष्मी की आरती करें।