क्या सुप्रीम कोर्ट ने बांके बिहारी मंदिर प्रबंधन मामले में सुनवाई 8 अगस्त तक स्थगित की?

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क्या सुप्रीम कोर्ट ने बांके बिहारी मंदिर प्रबंधन मामले में सुनवाई 8 अगस्त तक स्थगित की?

सारांश

सुप्रीम कोर्ट ने बांके बिहारी मंदिर प्रबंधन मामले में सुनवाई को 8 अगस्त तक स्थगित किया है। याचिकाकर्ता अपने सुझाव देने के लिए समय मांग रहे हैं। इस मामले में यूपी सरकार ने भी अपने अध्यादेश का समर्थन किया है।

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई को 8 अगस्त तक टाल दिया।
  • याचिकाकर्ता अपने सुझाव देने का अवसर मांग रहे हैं।
  • यूपी सरकार का अध्यादेश मंदिर के बेहतर प्रबंधन के लिए है।
  • कोर्ट ने कमेटी बनाने के संकेत दिए हैं।
  • मंदिर का ऐतिहासिक महत्व है।

नई दिल्ली, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। सुप्रीम कोर्ट ने बांके बिहारी मंदिर की प्रबंधन समिति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई को शुक्रवार तक टाल दिया है। याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने मंगलवार को सुझाव दिया कि मामले की सुनवाई स्थगित की जाए, ताकि याचिकाकर्ता भी अपने सुझाव दे सकें। इसके पश्चात, कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 8 अगस्त निर्धारित की।

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) के. एम. नटराज ने कोर्ट में अध्यादेश का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार का उद्देश्य धार्मिक गतिविधियों में हस्तक्षेप करना नहीं है, बल्कि मंदिर के बेहतर प्रशासन के लिए ही यह अध्यादेश लाया गया है। उन्होंने बताया कि बांके बिहारी मंदिर का एक ऐतिहासिक महत्व है और प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं। ऐसे में मंदिर कोष में संभावित कुप्रबंधन को रोकने की आवश्यकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह प्रस्ताव मोटे तौर पर उसी दिशा में है, जैसा कि अदालत ने पूर्व में सुझाया था। कपिल सिब्बल ने याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा कि उन्हें भी अपने पक्ष में कुछ सुझाव देने का अवसर दिया जाए, इसलिए सुनवाई को कुछ समय के लिए स्थगित किया जाए।

कोर्ट ने यह मांग स्वीकार करते हुए सुनवाई को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया। इस मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ कर रही है।

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने बांके बिहारी मंदिर मामले में एक कमेटी बनाने के संकेत दिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह मंदिर के प्रबंधन की निगरानी के लिए एक समिति के गठन पर विचार कर रहा है। कोर्ट ने कहा कि इस समिति की अध्यक्षता हाईकोर्ट के किसी रिटायर्ड जज या वरिष्ठ जिला न्यायाधीश को सौंपी जा सकती है, जो मंदिर के कोष और खर्चों की निगरानी करेंगे।

याचिकाकर्ताओं ने बांके बिहारी मंदिर के प्रबंधन को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के 2025 के अध्यादेश को चुनौती दी है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के 15 मई के फैसले को भी वापस लेने की मांग की है, जिसमें सरकार को कॉरिडोर करने के लिए मंदिर के धन का उपयोग करने की अनुमति दी गई थी।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम धार्मिक स्थलों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जिम्मेदारी को सुनिश्चित करें। सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई इस दिशा में एक सकारात्मक कदम है, जो याचिकाकर्ताओं और सरकार दोनों के विचारों को ध्यान में रखती है।
NationPress
05/08/2025

Frequently Asked Questions

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई क्यों स्थगित की?
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के सुझाव सुनने के लिए सुनवाई को स्थगित किया ताकि उन्हें अपने विचार रखने का अवसर मिल सके।
क्या यूपी सरकार का प्रस्ताव कोर्ट के अनुकूल है?
हाँ, कोर्ट ने यूपी सरकार के प्रस्ताव को सकारात्मक रूप से लिया है।
बांके बिहारी मंदिर का क्या महत्व है?
बांके बिहारी मंदिर का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है, जहाँ प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।