क्या सुप्रीम कोर्ट ने समाजवादी पार्टी की याचिका को खारिज कर दिया?

Click to start listening
क्या सुप्रीम कोर्ट ने समाजवादी पार्टी की याचिका को खारिज कर दिया?

सारांश

समाजवादी पार्टी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है, जिसने पार्टी के पीलीभीत कार्यालय को खाली कराने के प्रशासन के आदेश को खारिज कर दिया है। इस फैसले के पीछे की वजह और राजनीतिक स्थिति की गहराई में जाने के लिए पढ़ें।

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट ने समाजवादी पार्टी की याचिका खारिज की।
  • 988 दिनों की देरी का मुद्दा महत्वपूर्ण रहा।
  • पार्टी को हाई कोर्ट में जाने का विकल्प दिया गया।
  • प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पीएसी तैनात की।

नई दिल्ली, 16 जून (राष्ट्र प्रेस)। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को समाजवादी पार्टी को एक महत्वपूर्ण झटका देते हुए उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में पार्टी के जिला कार्यालय को खाली कराने के प्रशासन के आदेश के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है।

सर्वोच्च अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप का कोई कारण नहीं है। समाजवादी पार्टी ने इस मामले में हाई कोर्ट के निर्णय को चुनौती देने में 988 दिनों की देरी की है।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि पार्टी को अपना पक्ष रखना है, तो उसे हाई कोर्ट का रुख करना चाहिए।

गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पीलीभीत में समाजवादी पार्टी के कार्यालय को खाली कराने के लिए जारी नोटिस को रद्द करने से इनकार कर दिया था।

इस मुद्दे को लेकर हाल ही में इलाके में हुए प्रदर्शनों के बाद प्रशासन ने पीएसी तैनात कर दी है और ड्रोन के माध्यम से स्थिति पर नजर रखी जा रही है।

ज्ञात हो कि पीलीभीत जिला प्रशासन ने 16 जून तक समाजवादी पार्टी के कार्यालय को खाली करने का नोटिस जारी किया है। प्रशासन का कहना है कि पार्टी का कार्यालय नगर पालिका के अधिकारी के आवास में चल रहा है, जबकि पार्टी का दावा है कि इसे 2005 में नियमों के तहत आवंटित किया गया था। तब से पार्टी इसी स्थान से कार्य कर रही है।

10 जून को समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल ने अपने आधिकारिक 'एक्स' हैंडल से एक वीडियो साझा किया, जिसमें पुलिस सपा कार्यालय में मौजूद दिखाई दे रही है।

इस वीडियो को साझा करते हुए समाजवादी पार्टी ने लिखा, "पीलीभीत में सपा जिला कार्यालय को जबरन खाली करवाने का भाजपाई प्रयास अत्यंत निंदनीय और शर्मनाक है। भाजपा की सरकार सत्ता के मद में राजनीतिक द्वेष के तहत कार्य कर रही है। न्यायालय में मामला विचाराधीन है, ऐसे में पुलिस कार्रवाई अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है। जनता की अदालत में भाजपा को इसका जवाब देना होगा।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बनाए रखना आवश्यक है। इस मामले में, सुप्रीम कोर्ट का निर्णय संविधान के तहत लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। हमें राजनीतिक दलों के बीच सत्ता के खेल से ऊपर उठकर एक स्वस्थ लोकतंत्र की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
NationPress
20/06/2025

Frequently Asked Questions

सुप्रीम कोर्ट ने समाजवादी पार्टी की याचिका क्यों खारिज की?
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप का कोई आधार नहीं पाया और समाजवादी पार्टी द्वारा याचिका में 988 दिनों की देरी को भी ध्यान में रखा।
क्या समाजवादी पार्टी को हाई कोर्ट में अपील करने का मौका है?
हां, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि समाजवादी पार्टी को अपना पक्ष रखना है, तो वे हाई कोर्ट जा सकते हैं।
पीलीभीत में स्थिति कब तक तनावपूर्ण रही?
हाल के दिनों में हुए प्रदर्शनों के बाद प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पीएसी तैनात की थी।