क्या वीर बाल दिवस पर सीएम योगी ने सिख गुरुओं के अमर बलिदान को नमन किया?

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क्या वीर बाल दिवस पर सीएम योगी ने सिख गुरुओं के अमर बलिदान को नमन किया?

सारांश

वीर बाल दिवस पर सीएम योगी ने सिख गुरुओं के बलिदान को नमन करते हुए कहा कि त्याग और बलिदान से ही इतिहास बनता है। उन्होंने सिख धर्म की परंपरा पर प्रकाश डालते हुए इस अवसर को महत्वपूर्ण बताया।

Key Takeaways

  • वीर बाल दिवस का आयोजन सिख गुरुओं के बलिदान का स्मरण है।
  • त्याग और बलिदान से ही इतिहास बनता है।
  • सिख धर्म की लंगर परंपरा सामाजिक समरसता का उदाहरण है।
  • सीएम योगी ने इस दिन को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देने के लिए धन्यवाद दिया।
  • यह अवसर प्रेरणा का स्रोत है हर भारतीय युवा के लिए।

लखनऊ, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। धर्म की रक्षा के लिए सर्वश्रेष्ठ बलिदान देने वाले गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों की याद में वीर बाल दिवस और गुरु तेग बहादुर के 350वें शहीदी वर्ष के अवसर पर शुक्रवार को आयोजित कीर्तन समागम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इतिहास उन्हीं का बनता है जिनके मन में त्याग और बलिदान का भाव होता है। उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं ने स्वदेश और स्वधर्म के लिए जो परंपरा स्थापित की, वही हमारी प्रगति का मार्ग है।

वीर बाल दिवस के अवसर पर शबद पाठ और कीर्तन समागम का आयोजन मुख्यमंत्री आवास, 5 कालिदास मार्ग पर हुआ। सीएम योगी ने कार्यक्रम की शुरुआत में गुरु ग्रंथ साहिब को माथे लगाकर प्रणाम किया। इसके बाद उन्होंने शबद कीर्तन और साहिबजादों के अमर बलिदान की गाथा को सुना। कीर्तन पाठ करने वाले बच्चों को पटका पहनाकर और पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। उन्होंने ‘छोटे साहिबजादे’ नाम की पुस्तिका का भी विमोचन किया।

उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के शहीदी दिवस को वीर बाल दिवस के रूप में मनाना, उनके स्वधर्म और स्वदेश के प्रति अमर बलिदान को नमन करने का अवसर है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद किया कि उन्होंने देशभर के सिख समाज की भावना को स्वीकारते हुए इस दिवस को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी। उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं का इतिहास भारत में भक्ति और शक्ति का इतिहास है। गुरु नानक देव ने सिख धर्म की जो अलख जगाई, उसके प्रचार-प्रसार के लिए देश के कोने-कोने में गए। गुरु तेग बहादुर और गुरु गोबिंद सिंह ने अपने त्याग और बलिदान से इसे अनुकरणीय बनाया।

मुख्यमंत्री योगी ने शबद कीर्तन समागम में सिख गुरुओं की परंपरा, उनके त्याग और बलिदान को नमन किया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष सिखों के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस का 350वां वर्ष मनाया जा रहा है और मेरा सौभाग्य रहा कि मुझे कई बार उनके शहीदी दिवस के कार्यक्रमों में शामिल होने का अवसर मिला। यह विशेष संयोग था कि जिस समय हम गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में कार्यक्रम का आयोजन कर रहे थे, उसी दिन 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

उन्होंने कहा कि आज देश के हर स्कूल, कॉलेज और कार्यालय में वीर बाल दिवस के कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं तथा साहिबजादों की गाथाएं पाठ्यक्रम में शामिल की गई हैं, ताकि नई पीढ़ी को बलिदान की प्रेरणा मिल सके। उन्होंने कहा कि इतिहास उन्हीं का बनता है जिनके मन में त्याग और बलिदान का भाव होता है। सिख धर्म की लंगर परंपरा सामाजिक समरसता का उदाहरण है, जहां किसी की जाति या धर्म नहीं पूछा जाता। गुरु गोबिंद सिंह जी ने समाज को एकता के सूत्र में बांधने का कार्य किया।

मुख्यमंत्री योगी ने गुरु गोबिंद सिंह महाराज, माता गुजरी देवी, बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की स्मृतियों को नमन करते हुए कहा कि वीर बाल दिवस प्रत्येक भारतीय युवा के लिए प्रेरणा का दिन है। उन्होंने गुरु तेग बहादुर के 350वें शहीदी वर्ष के आयोजनों में डबल इंजन सरकार की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। कार्यक्रम के अंत में आनंद साहिब का पाठ और अरदास हुई। इसके बाद वह मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ एवं असीम अरुण के साथ लंगर में भी सम्मिलित हुए।

Point of View

बल्कि देश की एकता और विविधता को भी प्रकट किया है। यह एक ऐसा अवसर है जब हम सभी को अपने इतिहास और संस्कृति की गरिमा को समझना चाहिए।
NationPress
26/12/2025

Frequently Asked Questions

वीर बाल दिवस क्या है?
वीर बाल दिवस, गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों की स्मृति में मनाया जाता है, जिन्होंने धर्म की रक्षा के लिए बलिदान दिया।
इस दिन का महत्व क्या है?
यह दिन हमें बलिदान और त्याग की प्रेरणा देता है, जो सिख धर्म की नींव है।
सीएम योगी ने इस दिन के बारे में क्या कहा?
सीएम योगी ने त्याग और बलिदान के महत्व पर जोर दिया और इसे राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद किया।
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