क्या वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन के लिए 3 महीने का ग्रेस पीरियड मिला?

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क्या वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन के लिए 3 महीने का ग्रेस पीरियड मिला?

सारांश

वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन की समयसीमा बढ़ाकर केंद्र सरकार ने 3 महीने का ग्रेस पीरियड दिया है। यह निर्णय उन लाखों संपत्तियों के लिए है जो अब भी रजिस्ट्रेशन से बाहर हैं। जानें इस संबंध में क्या कहा अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरन रिजिजू ने।

Key Takeaways

  • केंद्र सरकार ने वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन के लिए 3 महीने का ग्रेस पीरियड दिया।
  • अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरन रिजिजू ने समय सीमा बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
  • अब तक 151,000 से अधिक संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है।
  • सुप्रीम कोर्ट की छह महीने की समयसीमा के कारण कोई सख्ती नहीं होगी।
  • राज्य सरकारों को जागरूकता फैलाने का निर्देश दिया गया है।

नई दिल्ली, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। 'उम्मीद' पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन की छह महीने की समयसीमा शुक्रवार को समाप्त हो रही है, लेकिन लाखों संपत्तियां अब भी रजिस्ट्रेशन से बाहर हैं। इस स्थिति में राहत प्रदान करते हुए केंद्र सरकार ने वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण के लिए 3 महीने की अतिरिक्त समयसीमा देने का निर्णय लिया है।

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरन रिजिजू ने कहा, "आज वक्फ संपत्ति रजिस्ट्रेशन का अंतिम दिन है। देशभर में अब भी लाखों संपत्तियां पोर्टल पर दर्ज नहीं हो पाई हैं। कई सांसद, सामाजिक नेता और वक्फ से जुड़े प्रतिनिधियों ने मुझसे समय बढ़ाने की मांग की। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण हम इस समय सीमा को सीधे नहीं बढ़ा सकते, लेकिन जिन लोगों ने प्रयास किया और किसी कारण रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया, उनके खिलाफ तीन महीने तक कोई कठोर कार्रवाई नहीं होगी। न कोई पेनल्टी लगेगी, न कोई जुर्माना।"

उन्होंने बताया कि अब तक 151,000 से अधिक वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है, जिसमें कर्नाटक (50,800), पंजाब, जम्मू-कश्मीर और कई अन्य राज्यों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। वहीं कुछ बड़े राज्यों में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया धीमी रही है।

रिजिजू ने स्वीकार किया कि कई क्षेत्रों से शिकायतें मिलीं कि 'उम्मीद' पोर्टल धीमा चल रहा था या लोगों के पास आवश्यक दस्तावेज पूरे नहीं थे।

उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि कोई भी व्यक्ति बिना परेशान हुए अपनी वक्फ संपत्ति रजिस्टर करा सके। इसलिए तीन महीने तक हम किसी पर कोई सख्ती नहीं करेंगे।"

मंत्री ने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट ने छह महीने की समयसीमा निर्धारित की थी और केंद्र सरकार इसे सीधे बढ़ा नहीं सकती। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि 6 महीने की समयसीमा के बाद सरकार तारीख नहीं बढ़ा सकती, लेकिन ट्रिब्युनल के पास अधिकार है कि वह आपकी स्थिति समझकर 6 महीने तक की अतिरिक्त राहत दे सकता है। इसलिए जिनको परेशानी हो, वे वक्फ ट्रिब्युनल से संपर्क करें।

किरन रिजिजू ने कहा कि केंद्र सरकार हमेशा लोगों की मदद करने के लिए तैयार है, लेकिन वक्फ संशोधन कानून संसद ने पास किया है, इसलिए उसमें बदलाव केंद्र स्वयं नहीं कर सकता।

उन्होंने कहा, "मेरा वादा है, जो लोग आज की तारीख तक रजिस्ट्रेशन की कोशिश कर रहे थे, उन्हें अगले तीन महीने तक कोई भी दिक्कत नहीं होगी। हम हर संभव सहयोग करेंगे।"

रिजिजू ने कुछ राज्यों पर यह कहकर नाराजगी जताई कि उन्होंने समय पर मदद नहीं की और जनता में जागरूकता नहीं फैलाई। उन्होंने कहा कि मैं राज्य सरकारों से अपील करता हूं कि वे आगे से पूरी जिम्मेदारी निभाएं ताकि वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन में पारदर्शिता आए और भविष्य में किसी को परेशानी न हो।

Point of View

बल्कि संबंधित समुदायों में जागरूकता बढ़ाने का भी कार्य करेगा। सरकार का यह प्रयास समय की मांग है।
NationPress
05/12/2025

Frequently Asked Questions

केंद्र सरकार ने वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन के लिए कितने महीने का ग्रेस पीरियड दिया है?
केंद्र सरकार ने वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन के लिए 3 महीने का ग्रेस पीरियड दिया है।
क्या रजिस्ट्रेशन में देरी करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई होगी?
जिन्हें रजिस्ट्रेशन में देरी हुई है, उनके खिलाफ तीन महीने तक कोई कठोर कार्रवाई नहीं होगी।
कितनी वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन अब तक हुआ है?
151,000 से अधिक वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन अब तक हो चुका है।
क्या सुप्रीम कोर्ट ने इस समयसीमा को बढ़ाने की अनुमति दी है?
सुप्रीम कोर्ट ने छह महीने की समयसीमा निर्धारित की है और इसे सीधे बढ़ाने की अनुमति नहीं दी है।
क्या राज्य सरकारों को इस प्रक्रिया में जिम्मेदारी निभानी होगी?
हाँ, राज्य सरकारों को वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन में पारदर्शिता लाने के लिए जिम्मेदारी निभानी होगी।
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